जो प्रत्याशी करेगा मुद्दों की बात, उसे मिलेगा युवाओं का साथ

अररिया। बिहार पंचायत चुनाव की सरगर्मी चरम पर है। एक ओर प्रशासनिक महकमा स्वच्छ व निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर दिन-रात जुटी है। गांव की गलियां व खेत की पगडंडियां चुनावी चर्चा से गुलजार हो रही है। दूसरी तरफ चुनावी मैदान में विभिन्न पदों पर उतरने की चाह लिए प्रत्याशी मतदाताओं को की नब्ज टटोलने में लगे हुए हैं। हर मतदाता अपनी पसंद के प्रत्याशी को मतदान करने की चर्चा करते हैं। कोई अपने समाज की बात करता है तो कोई अपनी जाति की। कुछ वैसे भी मतदाता हैं जो जाति और समाज की बात छोड़ विकास की बात करते हैं। कुछ लोग भ्रष्टाचार की बात भी उठाते हैं।हर मतदाता अपनी पसंद के प्रत्याशी को मतदान करने की चर्चा करते हैं। कोई अपने समाज की बात करता है तो कोई अपनी जाति की। कुछ वैसे भी मतदाता है, जो जाति और समाज की बात छोड़ विकास की बात करते हैं। कुछ लोग भ्रष्टाचार की बात भी उठाते हैं। चुनाव में युवाओं का उत्साह देखने को मिल रहा है। जिन युवाओं ने 18 साल की आयु पूर्ण कर मतदान करने का अधिकार प्राप्त किया है वह अपने मत का प्रयोग पूरी जिम्मेदारी से करने को लेकर खासा उत्साहित हैं। नरपतगंज प्रखंड में 20 अक्टूबर को पंचायत चुनाव है और 15 अक्टूबर को दशहरा है। जायज सी बात है दशहरा में बाहर पढ़ रहे युवा घर आते हैं। यहां तक कि बाहर जाब कर रहे युवा भी दशहरा में घर आते हैं। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे युवा ज्यादातर दशहरा ,दीपावली में ही घर आते हैं चाहे वह पटना दिल्ली या कही और क्यों न पढ़ाई कर रहे हो? दशहरा में ज्यादा दिन का छुट्टी होता हैं जिनके कारण वह कम से कम 20 अक्टूबर तक घर में रहेंगे ही। वैसे फारबिसगंज प्रखंड में 16 अक्टूबर 2021 को ही चुनाव हैं वहां दशहरा के सुबह होकर ही चुनाव है। बाहर से आये युवा भी वोट देकर ही फिर जाएंगे इसलिए इस बार चुनाव में युवाओं का वोट निर्णायक वोट साबित होगा। वैसे भी युवाओं की संख्या अत्यधिक है। युवाशक्ति पर विशेष ध्यान दिया जाता है। काम के जोश का अपना अलग अंदाज होता है। कुछ नया करने की चाह हर किसी में होती है। ऐसा ही जोश और उत्साह हमें आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में युवाओं में देखने को मिल सकती है,क्योंकि इस बार के पंचायत चुनाव में युवाओं की भूमिका सशक्त होती दिख रही है। अधिकांश युवाओं ने अपनी प्रतिक्रिया में योग्य प्रत्याशी, मजबूत सरकार और ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर देने को ज्यादा महत्व दिया है और वह चुनाव में ऐसे प्रतिनिधियों को चुनने का ही प्रयास करेंगे। पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं में से कुछ तो ऐसे हैं जो पंचायत चुनाव में बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। सकारात्मक सोच और विकास की चाह उनकी बातों में साफ झलकती है। युवाओं का साफ कहना है कि हमलोग एक अच्छे मुखिया का चयन करते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे अपने विकास के वायदे को भूला कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने लगते हैं। खुलेआम सरकार की योजनाओं में लूट-खसोट की जाती है। जबकि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी हमेशा यह कहते हैं कि उन्हें निशुल्क सेवा करने का मौका दिया जाए। विकास कर दिखाएंगे, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिलता है। चुनावी चर्चाओं के दौरान कुछ युवाओं का कहना है कि इस बार मतदाता पंचायत चुनाव में कर्मठ व ईमानदार प्रत्याशी को वोट देने की बात करते हैं। जो ग्रामीण क्षेत्रों की चौमुखी विकास कर पंचायत को आदर्श ग्राम का दर्जा दिलाएंगे। वोटर ऐसे प्रत्याशी की तलाश में हैं जो क्षेत्र में रोजगार का अवसर प्रदान करें। योजनाओं में बाहर के मजदूर से नहीं बल्कि पंचायत के मजदूरों से कार्य कराया जाए। संभावित उम्मीदवार भी वोटरों का मन टटोलने में लगे हैं। कैसे प्रत्याशी को वोट करेंगे युवा जाति धर्म से उपर,शिक्षित,उत्तम चरित्र एवं क्षेत्र के विकास की सोच रखने वाले प्रत्याशी मेरी पहली पसंद हैं। पंचायत के लोगों को पीएम आवास ,पशु शेड ,वृद्धा पेंशन ,अंत्योदय योजना,बाढ़ - सुखाड़ अनुदान तथा मनरेगा का लाभ बिना किसी भ्रष्टाचार के मिलना चाहिए। पंचायत के कार्यों में पारदर्शिता होनी चाहिए। राजनीति विज्ञान स्नातक छात्र के छात्र नीतीश कुमार का मानना है क्षेत्र के लिए विकासपरक कार्यों के लिए समर्पित प्रत्याशी ही मेरी पहली पसंद है।

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अमरौरी के मनीष कुमार का कहना जब तक नेतृत्वकर्ता शैक्षिक एवं सामाजिक रूप से मजबूत नहीं होगा तब तक वह क्षेत्र के विकास के आवश्यक कदम नहीं उठा पाएगा।
,लक्ष्मीपुर के रणधीर कुमार कहते हैं नेता ऐसा हो जो लोगों से जुड़ा रहे। इन सब के साथ ही नेता की विकासवादी सोच भी जनता के लिए बहुत मायने रखती है।

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