एक साथ जली चार चिता, शोक में डूबा गांव

मधेपुरा। उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के सिनवारा गांव में चार लोगों की मौत की हकीकत पहला इतिहास बन गया। यह पहला मौका रहा, जब गांव से एक साथ चार अर्थी निकली। रविवार को जैसे ही एक साथ चार चिताओं में आग की लो जली। इनकी मौत के साथ ही स्वजनों के आरमानों पर पानी फिर गया। गांव वालों की मानें तो ऐसी अनहोनी कभी नहीं देखी थी। एक साथ चार शव का घरों से निकलना बड़ा मातम से कम नहीं। जब लोगों के अर्थी सजकर मुहल्ले से गुजर रही थी तो हर आंखें नम होती चली गई। लोग उन अर्थियों को टकटकी निगाह से देखते रहे। लोगो की आंखों में आंसू, दिल में टूटी आरमान यह बता रहा था कि शायद यह विपदा फिर लोटकर न आए। क्या बच्चे, क्या नौजवान, क्या महिला, क्या पुरूष सबके सब आंख डबडबा रही थी। अर्थी में शामिल लोग अंतिम विदाई देने में लगे थे। कंधे को अर्थी देने वालों के पांव भी डगमगा रहे थे। मानो कि उसे अंतिम संस्कार की इजाजत उसका दिल नहीं दे रहा था। अर्थी को कंधे देने वालों को भी खुद पर भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वह उन शवों का दाहसंस्कार करने जा रहे हैं। जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की। फिर राम नाम सत्य है के नारों के बीच अर्थी गांव से बाहर हुई। बडी संख्या में गांव और आसपास के लोग अंतिम विदाई में शामिल हुए। गांव से बाहर खेत में चारों चिताओं को आग दी गई। आग मासूम बच्चे दे रहे थे। चिता में आग पड़ने के साथ ही लोगों की आंखे भर आई। यह दिल दहलाने वाली वाक्या हर किसी को झकझोर गया। लोग चेहरे बता रहा था कि निकट भविष्य में लोग इस आफत से उबर नहीं पाएंगे। गांव के लोगो पर किसकी नजर पड़ गई कि एक साथ चार अर्थी निकली। खैर लोग कह गए कि इश्वर को जो मंजूर था, वह हुआ। हे इश्वर अब और ऐसी आफत न आ पाए। इन प्रार्थना के साथ लोगो ने दाहसंस्कार का कार्य पूरा कर घर लौटे। उल्लेखनीय हो कि उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के खाड़ा पंचायत अंतर्गत सिनवारा गांव वार्ड संख्या 11 में शनिवार को एक व्यक्ति के घर सेप्टिक टैंक निर्माण कार्य में लगे चार मजदूरों की मौत करंट लगने से हो गई। हादसे में गृहस्वामी की भी मौत हो गई। मरने वाले सभी मजदूर सिनवारा गांव के ही रहने वाला है। मरने वालो में गृहस्वामी महेश्वर मंडल (40), मजदूर दीनानाथ कुमार (21), नीतेश मेहरा (35), अबल मेहरा( 31 ) शामिल है। सभी शवों का अंतिम संस्कार रविवार को किया गया।


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