पूर्णिया के विकास के लिए हर संभव कदम उठाऐंगे : उदय

पूर्णिया। पूर्णिया अपने विशिष्ट भौगोलिक दशा, गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक विविधता, मक्का व मखाना के उत्पादन, मेडिकल, आटोमोबाइल और स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति के लिए जाना जाता है। यह जिला अपार संभावनाओं के बावजूद आज अपने स्थापना के 252 वें वर्ष में भी विकास के कई मोर्चों पर पिछड़ा हुआ है। इसी ज्वलनशील मुद्दे पर सब हिमालयन रिसर्च इन्स्टीट्यूट पूर्णिया ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पूर्णिया के भूतपूर्व सांसद, उदय सिंह के साथ आनलाइन लाइव परिचर्चा का आयोजन किया। संस्थान के सहायक निदेशक डा. रमन के अनुसार इस कार्यक्रम में भूतपूर्व सांसद के अलावा प्रसिद्ध इतिहासवेत्ता,प्रोफेसर रत्नेश्वर मिश्र, , डा. मनिन्द्र नाथ ठाकुर एवं क्षेत्र के सफल उद्यमी, इंजीनियर राजेश चन्द्र मिश्र सभापति,फैसिलिटेटर और मोडरेटर के रूप में मौजूद थे। इस परिचर्चा में इलाके के मशहूर शिक्षाविद्, रमेश चन्द्र मिश्र और भारतीय वायुसेना के सम्मानित पाइलट,ग्रुप कैप्टन विश्वजीत कुमार की विशिष्ट उपस्थिति थी। कार्यक्रम के शुरूआत में उदय सिंह ने मेरे सपनों का पूर्णिया विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। इसके उपरांत,संवाद और सवाल-जवाब का ओपेन सेशन हुआ। डा. रमन ने बताया कि इस पूरे परिचर्चा में उदय ने पूर्णिया के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर खुल कर अपने विचार रखे। भूतपूर्व सांसद ने राजनीतिक सुचिता,जनप्रतिनिधियों की ईमानदारी और जनता को लाभुक के बजाय हकदार के रूप में देखने पर बल दिया। उन्होंने पूर्णिया में एस.बी.आई. के जोनल आफिस को वापस लाने का वादा किया। उदय ने इलाके में ज्यादा खपत होने वाले दवाईयों का स्थानीय स्तर पर उत्पादन,बनमनखी सुगर मिल प्रांगण में फुड पार्क की स्थापना,शिक्षकों के आर्थिक एवं सामाजिक सम्मान के लिए नागरिक समिति के सुझावों को सराहा और इन सभी के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया। पूर्व सांसद ने पूर्णिया और आसपास के क्षेत्रों के विकास हेतु सब हिमालयन रिसर्च इन्स्टीट्यूट के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस संस्थान के द्वारा पूर्णिया में निकट भविष्य में प्रायोजित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की लिटरेरी फेस्टिवल को भरपूर सहयोग देने का वादा किया और इस प्रोग्राम के सलाहकार समिति से जुड़ने के आमंत्रण को भी स्वीकार किया।


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