घर आ जा परदेसी, मुखिया बुलाए रे

जमुई। सोनो में पंचायत चुनाव चौथे चरण में 20 अक्टूबर को भले ही हो, लेकिन यहां चुनावी सरगर्मी अभी से ही पूरे परवान पर है। जहां प्रशासन स्वस्थ और निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर प्रयासरत है वहीं, संभावित दावेदार भी प्रत्याशियों को गोलबंद करने में जुटे हैं। पंचायत चुनाव में पहली बार ईवीएम का प्रयोग हो रहा है। दावेदारों की धड़कनें भी तेज है।

हर एक वोट कीमती है। इसलिए क्षेत्र के हर एक मतदाताओं के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। फिर चाहते न चाहते हुए भी किसी के पैर छूने पड़े या फिर नापसंद लोगों के दरवाजे पर भी हाथ जोड़कर खड़े होना पड़े, सब कुछ जायज है और वोट पाने के लिए किया भी जा रहा है। मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए सारे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। ऐसे ही हथकंडों में एक हथकंडा परदेसी वोटरों को गांव वापस बुलाने का भी आजमाया जा रहा है। संभावित दावेदार है कि उन घरों में दो-तीन चक्कर दिन में लगा ही लेते हैं जिनके परिवार के ज्यादातर लोग यानी नेताजी के वोट रोजी रोजगार की तलाश में परदेस गए हुए हैं। ऐसे लोगों को खासकर मुखिया, वार्ड सदस्य के दावेदारों के समर्थक पूरा भरोसा दिला रहे हैं कि बेटा, भाई, बहू को इस बार दुर्गा पूजा में घर बुलवा लो। वह आएंगे कैसे आएंगे और जाएंगे कैसे, इसकी चिता मत करो। बस बुलावे की तारीख बताओ। बाकी का काम नेताजी खुद संभाल लेंगे। मतलब साफ है कि नेताजी को पूरे पांच साल बाद फिर से परदेसी वोटरों की याद आई है और गांव में अपनी सरकार बनाने के लिए परदेसी वोटरों के आने जाने का पूरा खर्च झेलने को तैयार है।कोई ट्रेन से तो कोई बस से और कोई तो कोई तो प्राइवेट वाहनों से भी परदेसी वोटरों को बुलाने के लिए उनके घर वालों को मनाने में लगे हैं।
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