पंचायत चुनाव- ''बाबू'' ''भैया''भी चाहते हैं सदस्य पद

अरुण कुमार झा, संसू,रेणुग्राम (अररिया): पंचायत चुनाव के नजदीक आते ही फारबिसगंज प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में संभावित प्रत्याशियों की जनता जनार्दन के ''दर ''भागम भाग शुरू है। सभी जनता जनार्दन के आशीर्वाद के जुगत में है। राजनीतिक हलकों तथा गांव के चौपालों में यह चर्चा जोरों पर है कि पूर्व के चुनाव की अपेक्षा अबकी पंचायत चुनाव में ''मुखिया'' पद की अपेक्षा वार्ड ''सदस्य'' पद के लिए कड़ी मशक्कत देखने को मिल सकती है। कई ''बाबू''''भैया''की भी नजर इस बार वार्ड सदस्य पद पर टिकी है और इस पद के लिए ही जोर आजमाइश की कवायद में जुटे है। पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशी अबकी सदस्य पद से चुनाव लड़ने में अधिक दिलचस्पी दिखा रहे। इसकी तैयारी में भी जुटे है। कई ऐसे है जो मुखिया पद की अपेक्षा सदस्य पद की ओर अपनी वक्र ²ष्टि गड़ाए बैठे है। सदस्य पद भी हाथ लग जाए तो वारे न्यारे है। हो क्यों नही बिहार सरकार ने सदस्य पद को काफी अहमियत जो दे रखी है। वार्ड के योजनाओं के क्रियान्वयन में वार्ड सदस्य की काफी अहमियत है। इसलिए अबकी चुनाव में सदस्य पद के लिए मुकावला संघर्षपूर्ण तो होगा ही लेकिन मजेदार एवं दिलचस्प भी रहेगा। सदस्य पद से चुनाव लड़ने में दिलचस्पी रखने वाले कई बाबुओं ने अपना नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि इस बाबत समय आने पर इसका खुलासा होगा। अभी अपने समर्थकों एवं जनता जनार्दन से राय शुमारी चल रही है। पंचायत में अब वार्ड सदस्य का पद काफी महत्वपूर्ण व मलाईदार भी है। क्षेत्र छोटा होने से मेहनत व खर्च कम है। वैसे सरकार ने भी इस पद को महत्वपूर्ण बना दिया है। हो क्यों नही सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के सपनों की योजना सात निश्चय की बागडोर भी वार्ड सदस्य के हाथों में है। कुल मिलाकर इस वार पंचायत चुनाव के महासमर में वार्ड सदस्य पद की दौड़ के लिए पहले की अपेक्षा अधिक संख्या में उम्मीदवारी देखने को मिल सकती है।


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