खाद्यान्न योजना के कारण चूल्हे-चक्की नहीं रहे उदास

खगड़िया। कोरोना काल में सरकार की खाद्यान्न योजना बेसहारों के लिए सहारा बनकर सामने आई है। कोरोना काल में बड़ी संख्या में मजूदर परदेस से गांव-घर लौटे। जिनके रोजी-रोजगार बंद हो गए, वे भी आए। इनमें कई अब स्थाई रूप से यहां रह रहे हैं। इनके साथ हर जरूरतमंदों के लिए यह योजना वरदान साबित हुआ है। कम से कम चूल्हे-चक्की उदास नहीं रहे। अगर हम सिर्फ परबत्ता प्रखंड क्षेत्र की बात करें, तो यहां 46 हजार के आसपास कार्डधारी हैं। इनमें अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुक शामिल हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अंत्योदय के कार्ड पर प्रतिकार्ड 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल दिए जाने का नियम है। जबकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के कार्ड पर प्रति यूनिट दो किलो गेंहू और तीन किलो चावल दिए जाने का नियम है। नियमानुसार गेहूं की कीमत दो रुपये और चावल की कीमत तीन रुपये प्रति किलो निर्धारित है। इतना ही नहीं बीते अप्रैल माह से नवंबर माह तक कोरोना संकट को देखते हुए इन कार्ड धारियों को प्रधानमंत्री योजना का लाभ भी देना है। जो जरूरतमंदों को मिल रहा है। घोषणा के अनुसार आगामी नवंबर माह तक यह लाभ मिलेगा। प्रति यूनिट दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल मुफ्त में दिया जा रहा है। प्रखंड क्षेत्र में करीब 46 हजार लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं। माधवपुर के आशीष कुमार, तेमथा करारी पंचायत के पंकज कुमार, परबत्ता के विनय कुमार आदि बताते हैं कि उनलोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। यह जरूरतमंदों के लिए संजीवनी से कम नहीं है। इन लाभुकों ने यह भी जोड़ा कि, कई बार चावल की क्वालिटी ठीक नहीं होती है। वजन को लेकर भी जगह-जगह से सवाल उठाए जाते रहे हैं। जबकि संबंधित अधिकारी का कहना है कि, अगर किसी को दिक्कत है, तो शिकायत करें। जांच बाद कार्रवाई होगी।


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