चीनी साजिश: ग्रीन मटर की आड़ में भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ सेहत बिगाड़ रहा ड्रैगन

सीतामढ़ी। मटर-पनीर तो आप चाव से खाते होंगे, मगर उसमें इस्तेमाल होने वाला ग्रीन मटर अगर नकली होने की बात पता चले तो आपका चौंक जाना स्वाभाविक है। ये ग्रीन मटर चाइना से नेपाल के रास्ते हिदुस्तान पहुंच रहा है। कैमिकल के इस्तेमाल से बना यह हरा मटर दिखने में बिल्कुल असली जैसा प्रतीत होता है। मगर, वास्तव में ये होता नकली है। तस्करों के जरिये नेपाल होकर ये नकली मटर अपने यहां पहुंच रहा है। चीन अपने इस मकसद में अर्से से लगा हुआ है। वह एक तिर से दो निशाने लगा रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था को चौपट करने के साथ ही वह भारतीयों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है। नेपाल से सीमावर्ती गांव मरूवाही, हलखोरी, नैनही, खैरा, मालीवाड़ा, सुरियाही, थरुआही, बथनाहा, मधवा, सुंदरपुर सहित दूसरे गांव होकर भारतीय क्षेत्र के सुरसंड बाजार में चीनी मटर की खेप रोजाना तस्करों के जरिये पहुंचाई जा रही है।


------------------------------- भारतीय बाजारों व मंडियों में जहर परोसने की साजिश
जानकारों का कहना है कि चीन भारत के बाजारों व मंडियों के जरिये खाने की थाली में जहर परोसने की साजिश को लंबे अर्से से बखूबी अंजाम दे रहा है। चाइना का नकली चावल, अंडे वगैरह की पोल तो पहले ही खुल चुकी है अब ग्रीन मटर के रूप में वह नया बाजार तक अपनी पहुंच बनाने के लिए तस्करों को इस्तेमाल कर रहा है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में नकली मटर का कारोबार बड़ी तेजी से फल-फूल रहा है। ग्रीन मटर के रूप में जहर को भारत भेजने में वह नेपाल के कंधे का इस्तेमाल कर रहा है। जिसका पर्दाफांश आए दिन सुरक्षा एजेंसियों के जरिये होता रहता है। भारत-नेपाल बार्डर पर सुरसंड व भिट्ठामोड़ क्षेत्र में एसएसबी के जवानों ने भारी भारी में चाइनीज मटर को भारत लेकर आ रहे तस्करों को दबोचा है। ---------------------------- नेपाल के सीमावर्ती के गांव के जो नाम निम्न प्रकार है। मरूवाही, हलखोरी,नैनही, खैरा,मालीवाड़ा,सुरियाही,थरुआही,बथनाहा,मधवा,सुंदरपुर सहित कई गांव होकर भारतीय क्षेत्र के सुरसंड बा•ार में चीन के मटर लाये जाते है।
--------------------------------- एसएसबी ने माना नेपाल के रासते आ रहा चाइनीज मटर
एसएसबी के कंपनी कमांडेंट सह इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने बताया कि नेपाल से चाइनीज ग्रीन मटर के कारोबारी को कई बार पकड़ा जा चुका है। मटर लदी हुई पिकअप वैन भी जब्त हुई है। उन्होंने बताया कि साइकिल पर लादकर सीमावर्ती क्षेत्रों में हैंडलर के जरिये मटर की तस्करी होती है। खुला बॉडर होने के कारण तस्कर चोरी-छिपे ओझल रास्ते से आवाजाही करने में सफल हो जाते हैं। हालांकि, उनको पकड़ा भी जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी टीम उन तस्करों की टोह में लगी रहती है। डॉक्टर बोले-कैमिकल के इस्तेमाल से बना ये मटर काफी नुकसानदेह प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. रामकिशोर सिंह का भी मानना है कि यह चाइनीज हरा मटर कैमिकल के इस्तेमाल से बना होता है। जिसे नेपाल के रास्ते भारत में तस्कर पहुंचाते हैं। मोटाइसल्फेट नामक कैमिकल उसे हरा रंग रंगने में सोडियम नामक केमिकल उपयोग करते होंगे। जिसे खाने वाले भारतीय नागरिक बीमारी से ग्रसित हो सकता है। चाइनीज मटर में केमिकल का इस्तेमाल होता है, वह मटर होता भी नहीं है। जानकार यह भी बताते हैं कि स्नोपीस व सोयाबीन आदि से यह मटर तैयार होता है।

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