Chandni Bar: फिल्म के 20 साल पूरा होनें पर मधुर भंडारकर ने तब्बू को लेकर कही ये बात

28 सितंबर 2001 को रिलीज हुई मधुर भंडारकर (Madhur Bhandarkar) की फिल्म 'चांदनी बार' (Chandni Bar) को आज 20 साल पूरे हो चुके हैं। इस फिल्म की गिनती उस दौरान रिलीज हुए हिट फिल्मों में होती है। 'चांदनी बार' ने 4 नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स जीते थे। मशहूर डायरेक्टर मधुर भंडारकर ने अपने करियर की शुरुआत साल 1999 में आई फिल्म 'त्रिशक्ति' (Trishakti) के साथ की थी। इसके बात साल 2001 में आई उनकी दूसरी फिल्म 'चांदनी बार' उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई।

जब पहली बार मधुर भंडारकर पहुंचे थे डांस बार
जैसा कि फिल्म ने आज अपनी रिलीज के 20 साल पूरे कर लिए हैं, फिल्ममेकर ने उस समय को याद किया जब वह पहली बार मुंबई के एक डांस बार में गए थे। यह एक ऐसी घटना थी जिसने उन्हें ऐसी फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, "मैं असहज और शर्मिंदा था जब एक दोस्त मुझे एक डांस बार में ले गया क्योंकि मुझे चिंता थी कि कोई मुझे पहचान लेगा। मैंने उन लड़कियों को देखना शुरु किया जो आकर्षक शिफॉन की साड़ियों, घाघरा चोली और चूड़ीदारों में झंकार संगीत पर डांस कर रहीं थी। उस रात सोने से पहले वो सीन मेरी आंखों के सामने फ्लैश होने लगे।"
तब्बू को ध्यान में रखकर लिखी थी कहानी
'चांदनी बार' फिल्म 1.5 करोड़ की लागत के साथ बनी थी। इस फिल्म में एक्ट्रेस तब्बू (Tabu) ने मेन लीड का रोल किया था। इस फिल्म के लिए एक्ट्रेस को नेशनल अवॉर्ड भी मिले थे। तब्बू के बारें में बात करते हुए मधुर भंडारकर ने कहा कि एक्ट्रेस इस फिल्म के लिए उनकी पहली पसंद थी। डायरेक्टर ने कहा, "उन्हें स्क्रिप्ट पसंद थी। मैंने उन्हें ध्यान में रखकर कहानी लिखी थी। वह मेरी पहली और आखिरी पसंद थीं। अगर उन्होंने फिल्म को ठुकरा दिया होता तो मुझे बहुत निराशा होती। वह उस समय कमर्शियल फिल्में कर रही थीं। दो बच्चों की मां की भूमिका निभाना आसान नहीं था।"
रातों रात 'चांदनी बार' को मिली सफलता
इस फिल्म के बारें में बात करते हुए डायरेक्टर ने आगे बताया कि इसे रिलीज करना फिल्ममेकर के लिए आसान नहीं था। उन्होंने शेयर किया, "आज हम ओटीटी पर जो देखते हैं वह उस समय फिल्म में देखा गया था क्योंकि यह कठिन और रियल था; भाषा कठोर थी। बहुत सारे प्रमुख लोगों ने मुझे बताया कि चांदनी बार एक बहुत ही घटिया और डाउन-मार्केट टाइटल है। पर चीजें रातों रात तब बदल गईं जब इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया। मधुर ने कहा, "कुछ नहीं से मै एक ऐसा फिल्ममेकर बन गया जो रियलिस्टिक फिल्में बनाता है। जब मुझे स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साहब से पुरस्कार मिला, तो मुझे इस पर विश्वास नहीं हुआ। तब्बू मुझसे पूछती रही कि मुझे कैसा लग रहा है और मैं बस अवाक था।"
फिल्म के सीक्वल को लेकर कही ये बात
फिल्म के सीक्वेल के बारें में बात करते हुए मधुर भंडारकर ने कहा कि साल 2005 में जब डांस बार बंद हो गए तो वह सोचते रहे कि वो महिलाए कहां गई। वह साल 2005 के बाद से उनके बारें में रिसर्च कर रहे थे। उनमें से बहुतों ने आत्महत्या कर ली, कुछ विदेश चली गईं। डायरेक्टर ने कहा, "उनकी कहानियों के साथ बहुत सारे पाथोस और इमोशन्स जुड़े हुए हैं। 'चांदनी बार 2.0' (Chandni Bar 2.0) के साथ, मैं उस क्षेत्र को फिर से देखना चाहता हूं। इसे लेकर के मै बहुत एक्साइटेड हूं। मैं कहानी कहने के लिए तरस रहा हूं। मेरे पास कुछ विचार हैं लेकिन अभी तक इसे स्ट्रीम लाइन नहीं किया गया है।"

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