खाद्य निगम के गोदामों में बड़े पैमाने पर हो रही अनाज की हेराफेरी

खगड़िया । राज्य खाद्य निगम गोदामों में एक बार फिर बड़े पैमाने पर अनाज की हेराफेरी का मामला सामने आया है। पहले ट्रकों को ही गायब कर अनाज बेच दिया जाता है, मगर अब कंप्यूटर युग होने के बाद माफिया धर्मकांटा के संचालक की मिलीभगत से इस खेल को अंजाम दे रहे हैं। सातों प्रखंडों के गोदामों में इस तरह का खेल होने की बात कही जा रही है। मामला सामने आने के बाद से एसएफसी कार्यालय समेत इससे जुड़े लोगों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।कई ट्रक चालकों ने बताया कि धर्मकांटा सरकारी नहीं है और सभी प्रखंडों के प्राइवेट धर्मकांटा से गोदाम प्रबंधक और जिला परिवहन अभिकर्ता जुडे हुए हैं। हर ट्रक के वजन में दो से तीन क्विटल गेहूं, चावल की तौल कम बता दिया जाता है। इसका दोष ट्रक चालक पर लगाया जाता है और जब ट्रक चालक आरजू बिनती करता है तो दो से ढाई हजार रुपये लेकर उसे दोष मुक्त कर दिया जाता है। कई ट्रक चालकों का कहना हुआ कि एफसीआइ गोदाम से लेकर एसएफसी गोदामों तक ऐसे तत्व का तार जुड़ा हुआ है। जब एक धर्मकांटा पर वजन दो क्विटंल कम बताया जाता है तो दूसरे धर्मकांटा पर तौल कराने पर वजन सही आता है। मगर इसे न तो गोदाम प्रबंधक मान्यता देते हैं और न ही जिला परिवहन अभिकर्ता। ट्रक चालकों में विनय यादव, बजरंगी आदि ने बताया कि यदि ट्रक पर अनाज का कम माप हुआ तो पैसे देने के बाद सही कैसे हो जा रहा है और फिर वही कम अनाज कहां मेकअप किया जा रहा है।


इधर, जिला परिवहन अभिकर्ता के मैनेजर हरहर शंकर कुंवर से जब संपर्क किया गया तो उनका कहना हुआ कि यहां के परिवहन अभिकर्ता समस्तीपुर के तपन कुमार सिंह हैं और वे यहां की व्यवस्था को देखते हैं। हरहर शंकर का कहना था कि शिकायत मिलने पर 20 से 25 ट्रकों के वजन की जांच धर्मकांटा पर करवाया गया, तो किसी में दो क्विटल तो किसी में डेढ़ क्विटल अनाज कम पाया गया। इंजीनियर से शिकायत की गई तब इंजीनियर आकर ठीक कर दिया। उनका यह भी कहना हुआ कि अनाज कम होने पर तीन हजार छह सौ की दर से उन्हें राशि जमा करना पड़। हरहर शंकर ने बताया कि मु. नवाजिश जिला प्रबंधक के प्रभार में हैं। जब प्रभारी जिला प्रबंधक को फोन लगाया गया तो उनके मोबाइल का स्विच आफ था। सूत्रों के अनुसार खगड़िया, अलौली, बेलदौर, मानसी, गोगरी, चौथम, परबत्ता प्रखंडों में इस तरह का खेल कई महीनों से चल रहा है और एक बार फिर गरीबों के कल्याण के लिए सरकार स्तर से दिए जा रहे अनाज में हेराफेरी हो रही है।
मालूम हो कि हर महीना करीब 80 हजार क्विटल अनाज का आवंटन इस जिला को सरकार द्वारा किया जाता है। परिवहन अभिकर्ता के माध्यम से 70 से 80 ट्रकों को एफसीआइ से एसएफसी गोदामों तक अनाज ढुलाई को लेकर व्यवस्था होती है। बहरहाल, गरीबों के कल्याणकारी योजना में सेंधमारी एक बार फिर होने से इसकी गहन जांच व कार्रवाई की जरूरत तो है ही। बाक्स
पहले से भी दागदार रहा है अनाज ढुलाई व्यवस्था
जागरण संवाददाता, खगड़िया: खगड़िया का राज्य खाद्य निगम गोदाम पहले से दागदार रहा है। करोड़ो रुपये के अनाज गोलमाल मामले में कई परिवहन अभिकर्ता और जिला प्रबंधक जेल जा चुके हैं। हाल ही में एक दशक से लंबित तीन करोड़ 77 लाख अनाज हेराफेरी मामले में तत्कालीन गोदाम प्रबंधक मुकुटमणि सरेवाल को फरार घोषित करते हुए अंतिम प्रतिवेदन पुलिस द्वारा समर्पित किया गया है। तत्कालीन जिला प्रबंधक अवध किशोर प्रसाद को पुलिस द्वारा जेल भेजा गया था। बावजूद व्यवस्था नहीं सुधर पा रही है और अब गोदाम में अनाज पहुंचने से पहले ही हेराफेरी हो जा रही है।

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