सदियों पुरानी व्यवस्था की यादें ताजा, जमीन पर बैठकर कराया मतदान



अफसर अली, जागरण संवाददाता, अररिया : दूसरे चरण का पंचायत चुनाव का वोटिग भरगामा प्रखंड में कुछ छिटफुट घटनाओं के बाद बुधवार को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया। कहीं ईवीएम की खराबी तो कहीं प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह ईवीएम में बदले जाने से प्रत्याशी व समर्थक आक्रोशित नजर आए। जबकि भरगमा प्रखंड के रघुनाथपुर(द.) वार्ड संख्या एक स्थित किसान भवन में बनाए गए मतदान केंद्र संख्या 87 का नजारा सदियों पुरानी व्यवस्था की यादें ताजा कर दी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि आजादी के बाद का यह पहला चुनाव शायद ऐसा ही हुआ होगा। अंग्रेजों से मुक्ति मिलने के बाद देश आर्थिक संकट में जूझ रहा था और देश भर में संसाधनों की घोर कमी होगी और पहला चुनाव में मतदान कर्मियों को जमीन पर बैठकर चुनाव कराने को विवश होंगे।
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आज जब देश तरक्की की दौर से गुजर रहा है, ऐसे में चुनाव आयोग के सारे निर्देशों के धज्जिया उड़ाई जा रही थी। संसाधनों की घोर कमी थी। प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठना लाजमी था। मतदान कर्मी व अधिकारी जमीन पर बैठकर मतदान कराते नजर आए। ईवीएम सहित अन्य चुनाव सामग्री जमीन पर रखे थे। न तो शौचालय की व्यवस्था थी और न बिजली व स्वच्छ पानी का साधन था। मतदाता व कर्मियों के लिए मूलभूत सुविधा भी मुयस्सर नहीं हुई।
ग्रामीणों ने कराई कुर्सी बेंच की व्यवस्था:
आयोग के निर्देश पर सुबह सात बजे से मतदाता इस बूथ पर पहुंचने लगे थे। केंद्र पर व्यवस्था नदारद थी। पीठासीन पदाधिकारी व अन्य कर्मी अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन करते हुए जमीन पर बैठकर वोटिग कराने में मशगूल थे। पहले तो
अगल बगल के लोगों से बोरी-चटाई मंगवाकर मतदान कराने लगे। गांव के कुछ बुद्विजीवियों ने कर्मियों की परेशानी देखकर करीब आठ बजे कर्मियों के बैठने के लिए कुर्सी बैंच व्यवस्था कराई। जिसके बाद वहां के कर्मी कुर्सी पर बैठे। हालांकि शाम पांच बजे तक ईवीएम व अन्य मतदान सामग्री जमीन पर ही रखे पड़े थे। पीठासीन पदाधिकारी सुरेश कुमार पासवान दिन भर जमीन पर बैठकर ही अपनी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि उन्हें सरकार की ओर से जो व्यवस्था कराई है उसी के तहत अपने फर्ज का अंजाम दे रहे हैं। वे देर मतदान संपन्न होने तक जमीन पर ही बैठे रहे।
- जर्जर भवन बनाया गया था मतदान केंद्र :
रघुनाथपुर वार्ड संख्या एक किसान भवन में मतदान केंद्र के सत्यापन करने वाले अधिकारी पर सवाल उठने लगा है। यह भवन जर्जर हालत में है। यहां जाने के लिए सड़क भी नहीं है। पगडंडियों के सहारे ही इस बूथ पर मतदाता बूथ पर जाकर वोटिग की। जबकि वहां से महज पांच सौ मीटर दूरी पर एक प्राथमिक विद्यालय है्, जहां मतदान केंद्र बनाया जा सकता था।
क्या कहते अधिकारी
मतदान केंद्र संख्या-87 के पीठासीन पदाधिकारी सुरेश कुमार पासवान ने व्यंग्यात्मक लहजे में बताया कि कुर्सी की लड़ाई के लिए होड़ मची है। उसका मजा कुछ और है। वहीं जमीन पर बैठकर काम करने में बहुत मजा आ रहा है। वे अपना फर्ज इमानदारी से निभा रहे हैं। शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए संकल्पित हैं। कंट्रोल रूम व वरीय अधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराया गया। इस मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी के अलावे इमरान आलम, मो. नौशाद, मो. तबरेज आलम, शंभू विश्वास, नीरज भारती आदि मतदान कराने में जुटे थे।
-इंटरनेट मीडिया पर वायरल :
मतदान शुरू होते ही मतदान केंद्र संख्या 87 में जमीन पर बैठकर काम करते हुए फोटो व वीडियो दिनभर इंटरनेट मीडिया पर वायरल होता रहा। वाट्स एप्प व फेसबुक सहित अन्य इंटरमीडिएट मीडिया पर लोगों ने सरकारी व्यवस्था पर अपने प्रतिक्रिया देते रहे है और प्रशासनिक तैयारियों का खिल्ली उड़ाते रहे। जबकि इस बूथ से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर प्राथमिक विद्यालय भी है। वहां मतदान केंद्र नहीं बनाया गया था। धान के खेत में मतदान केंद्र में लोगों को खूब परेशानी हुई।

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