जल संरक्षण को 630 आहर व 956 पइन का होगा जीर्णोद्धार

लखीसराय । भूजल स्तर नीचे चले जाने के कारण पूरे देश सहित लखीसराय जिले में गंभीर जल संकट उत्पन्न होता जा रहा है। भूजल स्तर को ऊपर उठाने को लेकर जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया जा रहा है। इसको लेकर सरकार ने जल-जीवन-हरियाली योजना चलाई है। इसके तहत सरकारी जमीन पर बने अतिक्रमण के शिकार आहर, पइन, तालाब, कुआं आदि को जीवनदान देने के लिए जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। जिला प्रशासन ने इसके लिए जिले के 630 आहर एवं 956 पइन को चिह्नित किया है। बावजूद प्रशासनिक निगरानी में काम काज का रफ्तार धीमा है।

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जिले में आहर की स्थिति
जल संरक्षण को लेकर आहर को जीर्णोद्धार करने के लिए जिले के 630 आहर को चिह्नित किया गया है। इनमें से 383 आहर के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया है। 224 आहर के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष 159 आहर के जीर्णोद्धार का कार्य जारी है।
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जिले में पइन की स्थिति
जीर्णोद्धार कराने को लेकर जिला प्रशासन ने जिले के 956 पइन को चिह्नित किया है। 481 पइन के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसमें से 346 पइन के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष 135 पइन के जीर्णोद्धार का कार्य जारी है।
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कोट
जीर्णोद्धार कराने के लिए जिले के चिह्नित 630 आहर एवं 956 पइन में से 383 आहर एवं 481 पइन के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया है। शेष आहर व पइन के जीर्णोद्धार का कार्य भी शीघ्र ही शुरू कराया जाएगा। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। आहर व पइन का जीर्णोद्धार होने से जिले में संकट दूर होगा।
निखिल धनराज पन्निकर, उप विकास आयुक्त, लखीसराय।

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