संविधान में महिलाओं को मिला है शोषण के विरुद्ध अधिकार

किशनगंज। समाज में पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाना लोक सेवकों की पहली प्राथमिकता होती है। विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ेपन का दंश झेल रही अधिकांश महिलाएं जानकारी के अभाव में घरेलू हिसा के साथ सामाजिक भेदभाव की शिकार होती रहती हैं। अक्सर महिलाओं को कई प्रकार के उत्पीड़न की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन कानूनी जानकारी के अभाव में महिलाएं अपने अधिकार के प्रति सजग नहीं हो पाती हैं। ऐसे में महिला हेल्प लाइन की परियोजना प्रबंधक सह जिला संरक्षण पदाधिकारी शशि शर्मा महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण बनी हुई हैं।


शशि शर्मा बताती हैं कि किसी भी पीड़ित महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करती हूं। शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं जब कोई सूचना देती हैं तो उनकी समस्याओं के निदान के लिए अविलंब पुलिस प्रशासन के सहयोग से पीड़िता तक पहुंचने का प्रयास करती हूं। अधिकांश मामलों में आन द स्पाट समस्याओं का समाधान कर दिया जाता है। कई बार तो पीड़िता की समस्याओं के समाधान करने के क्रम में असामाजिक प्रवृति के लोगों द्वारा धमिकयां भी मिल जाती है। लेकिन अपनी परवाह किए बिना हर पल पीड़िता के हक और न्याय के लिए अनवरत कार्य करती रहती हूं। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। अब महिलाएं स्वयं भी अपनी समस्या लेकर आने लगी हैं। अब तक सैकड़ों महिलाओं की काउंसिलिग कर उन्हें संविधान में दिए गए अधिकार से अवगत कराने में सफलता मिल चुकी है। सामाजिक, पारिवारिक और घरेलू हिसा से ग्रस्त 866 महिलाओं के केस का निष्पादन कर उनके जीवन में खुशियां लाने में सफलता मिली है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बालिका विद्यालय और मुहल्लों में शिविर लगाकर महिलाओं को जागरूक करने काम भी किया जा रहा है।

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