32 पंचायतों में से 26 मुखिया हारे, बोखड़ा में एक व बथनाहा में चार दोबारा जीते

सीतामढ़ी। कोरोना काल में हुए पंचायत चुनाव की आंधी में अधिकतर प्रत्याशी औंधे मुंह गिरे। इनमें कई दिग्गज और निवर्तमान भी थे जिनकी जीत के दावे किए जा रहे थे, जनता ने तमाम को सिरे से नकार दिया। बथनाहा प्रखंड की 21 व बोखड़ा प्रखंड की 11 पंचायत यानी कुल 32 पंचायतों में से महज छह निवर्तमान मुखिया ही दोबारा जीत पाए जबकि, 26 मुखिया को करारी हार का सामना करना पड़ा है। बोखड़ा में एक व बथनाहा में पांच पंचायतों में निवर्तमान मुखियों को दोबारा जीत हासिल हुई है। जिला परिषद की सीटों पर तो और भी बुरा हाल रहा। कोई भी निवर्तमान जिला पार्षद अपनी सीट नहीं बचा पाए। दोनों प्रखंडों के लिए 4142 प्रत्याशी चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे थे। चुनाव परिणाम देखने के बाद स्पष्ट हो गया कि पुराने जनप्रतिनिधियों के प्रति जनता में काफी आक्रोश रहा जिससे उन्होंने उनको सबक सिखाते हुए नए चेहरे को अपना सिरमौर बनाना उचित समझा। यह संदेश भी दिया कि सदैव खुद को मोह और माया से निर्लिप्त रखें तो नि सिर्फ चुनावी नतीजे बल्कि, जीवन भी सुखमय होगा। परिवर्तन की आंधी में नाता-रिश्ता व मोह-माया त्यागकर वोटरों ने पुराने चेहरे को आईना दिखाने का काम किया है। न जाति, न पार्टी, न भाई-भतिजावाद इस पंचायत चुनाव में जनता ने वोट की चोट की ताकत दिखाई। सबको आईना दिखाकर आत्ममंथन करने पर मजबूर कर दिया कि जो बोओगे वहीं काटोगे। जो मुखिया रहे हैं उनमें से कुछ को पंचायत में अपने पांच वर्षों के काम की बदौलत जनता ने उनको दोबारा मौका दिया। चुनाव परिणाम के बाद निर्वाचित उम्मीदवारों के समर्थकों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर जमकर खुशी का इजहार किया। वहीं पराजित उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच पूरी तरह से गम का माहौल रहा।


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