क्यूआर कोड बेस्ड होगा दिल्लीवालों का डीएल और आरसी, इसी माह में लांचिग

यातायात नियम तोड़ने पर ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) या वाहन का आरसी जब्त होने के बाद उसके डूप्लीकेट लाइसेंस बनवाना और उसे लेकर चलना अब आसान नहीं होगा। दिल्ली में परिवहन विभाग आब क्यूआर (क्वीक रिस्पांस) बेस्ड डीएल और आरसी जारी करने जा रही है। विभाग ने डीएल व आरसी पर दर्ज सूचनाओं का नया डिजाइन तैयार कर लिया है। सबकुछ ठीक रहा तो इसी माह के अंत में इसे लांच कर दिया जाएगा।

नए ड्राइविंग लाइसेंस में अब ब्लड ग्रुप के अगर आपने अपना अंगदान भी किया है तो उसकी जानकारी भी डीएल पर दर्ज होगी। डीएल व आरसी पर दर्ज क्यूआर कोड को स्कैन करते ही चालक व वाहन से संबंधित सभी जानकारी आपके स्मार्ट फोन के स्क्रीन पर दिखाई देगा। इसे परिवहन विभाग के वाहन (गाड़ियों का साफ्ट वेयर) व सारथी (डीएल का साफ्टवेयर) से लिंक किया जाएगा जिससे आरसी या डीएल पर कोई चालान हुआ हो या जब्त किया गया है तो उसकी जानकारी तुरंत मिल जाएगी।
आरसी, डीएल में बदलाव को लेकर कदम केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम एक्ट में बदलाव के बाद लिया गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने पूरे देश में एक जैसे डिजाइन वाले डीएल व आरसी लागू करना चाहता है। अभी कई राज्य अब भी कागत पर ही आरसी जारी कर देते है। इसलिए सीएमवीआर एक्ट में यह बदलाव करके सभी राज्यों में लागू किया जा रहा है। फिलहाल यह बड़े शहरों से शुरू किया जा रहा है। धीरे-धीरे पूरे देश में लागू किया जाएगा। डूप्लीकेट डीएल बनवाने पर लगेगा लगाम
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में अभी प्लास्टिक कार्ड पर एक माइक्रोचिप के साथ लाइसेंस जारी किया जाता है। कई बार यह मामला सामने आया है कि यातायात नियम तोड़ने पर जब डीएल जब्त हो जाता है तो लोग कंप्यूटर के जरिए वैसे ही प्लास्टिक कार्ड पर दूसरे डीएल जारी करा लेते है। उसके आधार पर वाहन चलाते रहते है। मगर क्यूआर कोड बेस्ड में पहले तो नकली लाइसेंस नहीं बनवा पाएंगे। क्योंकि सभी एक यूनिक क्यूआर कोड होगा जिसका डूप्लीकेट तैयार करना मुश्किल है। अगर उससे मिलता जुलता बनवा भी लेते है तो जांच में ट्रैफिक पुलिस क्यूआर कोड स्कैन करते ही उसे पकड़ लेगी। अभी इस तरह के नकली लाइसेंस पकड़ना आसान नहीं है। डीएल, आरसी में बदलाव के साथ डिलिवरी में भी लाएगी तेजी
दिल्ली परिवहन विभाग ने डीएल व आरसी के डिजाइन में बदलाव के साथ अब उसकी डिलिवरी में भी तेजी लाने पर काम कर रही है। अभी डीएल व आरसी बनने के बाद भी 10-15 दिन डिलिवरी में लग जाते है। सरकार ने परिवहन विभाग को इसे एक सप्ताह में डिलिवरी हो यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
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