अधिक उपज के लिए जरूरी है मिट्टी के सेहत की जानकारी

खगड़िया। आधुनिक खेती को लेकर कई आयामों और प्रयोगों पर ध्यान देना है। वैज्ञानिक ढंग से खेती कर बेहतर उत्पादन पाया जा सकता है। खाद-बीज की सही मात्रा, मिट्टी का उपचार बेहतर फसल के लिए आवश्यक है। अगर ऐसा करते हैं, तो कृषि आय दोगुनी की जा सकती है। रासायनिक खाद के प्रयोग से खेतों की सेहत खराब हो रही है। जिससे बेहतर उत्पादन नहीं हो पाता है। बेहतर खेती व अधिक उत्पादन के लिए स्वस्थ्य मिट्टी का होना आवश्यक है। उक्त बातें कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया की वरीय विज्ञानी डा. अनिता भी कहती हैं। मिट्टी तभी स्वास्थ्य रह सकता है जब उसकी जांच के साथ उपचार हो सके। किसी भी खेती के लिए मिट्टी जांच कराना आवश्यक है। इसे लेकर किसानों को जागरूक होना होगा। मिट्टी जांच से खेतों की कमियां पता चलती है। जिसके उपचार से मिट्टी ठीक कर खेती या मिट्टी के अनुरूप खेती की जा सकती है। क्या है मिट्टी जांच और क्यों है आवश्यक


खेतों से मिट्टी का नमूना लेकर प्रयोगशाला में जांच की जाती है। जांच से यह पता लगता है कि नमूना वाले खेत की मिट्टी किस प्रकार की है। अम्लीय है या क्षारीय है। फासफोरस, नाइट्रोजन, पोटाश आदि आवश्यक तत्व है या नहीं है। अगर है तो कितनी मात्रा में है। इसके बाद मिट्टी की कमियों को दूर कर बेहतर उत्पादन पाया जा सकता है। आवश्यक तत्वों की मात्रा की जानकारी मिलने से खेत में खाद की मात्रा आदि डालने का भी पता चलता है। जाने जिले में मिट्टी जांच की व्यवस्था
जिले में मिट्टी जांच को लेकर विभागीय स्तर पर एक प्रयोगशाला है। जहां मिट्टी के नमूने लेकर जांच की जाती है और किसानों को मृदा हेल्थ कार्ड दिए जाते हैं। जिसमें मिट्टी जांच की जानकारी रहती है। विभागीय स्तर पर किसान सलाहकारों की ओर से खेत से मिट्टी का नमूना लेकर जांच में भेजा जाता है। जिला कृषि पदाधिकारी कहते हैं
जिले में मिट्टी जांच को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जिले में एक प्रयोगशाला है, जहां जांच की जाती है।

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