रैनसमवेयर अटैक का गढ़ बनता जा रहा भारत, 140 देशों की लिस्ट में इस्रायल टॉप पर

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कोरोना संक्रमण की शुरुआत के साथ ही रैनसमवेयर अटैक की चेतावानी दी गई है। अब गूगल ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत धीरे-धीरे रैनसमवेयर अटैक का गढ़ बनता जा रहा है। गूगल ने पिछले डेढ़ साल का डाटा शेयर किया है जिसमें 8 करोड़ से अधिक रैनसमवेयर अटैक के सैंपल का एनालिसिस किया गया है। इस डाटा के आधार पर रैनसमवेयर अटैक के मामले में 140 देशों की लिस्ट में भारत को 6वें स्थान पर रखा गया है। इस लिस्ट में इस्रायल पहले नंबर पर है। इस्रायल में रैनसमवेयर अटैक में करीब 600 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। इस्रायल के बाद इस लिस्ट में दक्षिण कोरिया, वियतनाम, चीन, सिंगापुर, भारत, कजाकिस्तान, फिलिपींस, ईरान और ब्रिटेन जैसे देश हैं। गूगल ने यह डाटा वायरस टोटल (Virus Total) की रिपोर्ट के आधार पर जारी किए हैं। वायरस टोटल एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी है जिसका अधिग्रहण 2012 में गूगल ने कर लिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 के मुकाबले 2021 में रैनसमवेयर के मामले अधिक मिले हैं। 2020 में करीब 130 अलग-अलग रैनसमवेयर एक्टिव थे। इनमें से 100 ऐसे हैं जो हर दिन कही ना कहीं एक्टिव रहते हैं। वहीं 2021 की पहली छमाही में मैलवेयर के 30,000 ग्रुप सामने आए थे। हैकर्स अपने रैनसमवेयर को अधिक से अधिक कंप्यूटर में पहुंचाने के लिए बॉटनेट मैलवेयर और अन्य रिमोट एक्सेस ट्रोजन (RAT) का इस्तेमाल करते हैं। आखिर रैनसमवेयर होता क्या है? रैनसमवेयर भी एक तरह का मैलवेयर (वायरस) ही होता है, जो आपके कंप्यूटर में जाने के बाद उसे अपने कंट्रोल में ले लेता है और फिर कंट्रोल यूजर को सौंपने के लिए फिरौती का मांग करता है। आम भाषा में आप इसे अपहरण कह सकते हैं। इसमें यह भी खतरा बना रहता है कि फिरौती लेने के बाद हैकर आपके डाटा को डिलीट भी कर सकता है। पहला रैनसमवेयर अटैक 1989 में हुआ था। DailyhuntDisclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Dailyhunt. Publisher: Amar Ujala

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