ढाई महीने से बिना सरकार की नगर परिषद, विकास का काम हुआ अवरूद्ध

मधेपुरा। ढाई महीने से अधिक समय से नगरपरिषद में अस्थिरता का माहौल है। इस कारण विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। करीब तीन माह से बिना आदेश का काम कर रहा एनजीओ को पेमेंट के अलावा और कोई काम नहीं हो पाया है। बावजूद शहर में गंदगी की स्थिति लोगों के समझ से परे है। पूरे मामले में एजेंसी की मनमानी से प्रशासन की चुप्पी पर लोग हैरान है।

मालूम हो कि छह अगस्त को वर्तमान मुख्य पार्षद सुधा कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लगने के बाद के विकास कार्य बंद है। प्रधानमंत्री आवास योजना, एनजीओ का फिर से टेंडर, नल जल योजना, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के अलावा कई योजनाओं पर ग्रहण लग गया है। लोगों यह समझ नहीं पा रहे हैं कि स्थिति के समाधान के प्रति वार्ड पार्षद गंभीर क्यों नहीं है।

एनजीओ को चुपके से दिया गया एक्सटेंशन मालूम हो बिना वर्क आर्डर के एनजीओ शहर में सफाई काम कर रहा है। समय सीमा समाप्त होने के बाद पिछले ईओ ने एक माह का एक्सटेंशन दिया था। जून से ही बिना वर्क आर्डर का काम हो रहा था। दुर्गा पूजा के मौके पर जब एनजीओ के उसकाने पर सफाईकर्मी ने डीएम का धेराव किया तब डीएम ने एक्शन लेते हुए तत्काल समस्या का समाधान निकालने के लिए ईओ को निर्देश दिया। जानकारी के अनुसार ईओ ने सशक्त स्थायी समीति के सदस्य के हस्ताक्षर से राशि की निकासी की गई। यद्यपि इस मामले में सदस्य ने कुछ भी कहने से इंकार किया। दूसरी ओर शहर में जिने शर्तो पर एनजीओ को काम दिया गया, उसमें आधा शर्त पर भी खरा नहीं उतर रहा है। न तो शहर के मेन रोड की सफाई होती है और न ही नाला की सफाई का काम हो रहा है। पुरानी बाजार में मौजूद नाला में जमा गंदगी इसका उदाहरण है। इसके अलावा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के मामले में तो पूरी तरह से फ्लाप साबित हो रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की छह सौ फाइलें अटकी प्रधानमंत्री आवास योजना की छह सौ से अधिक फाइलें अटकी पड़ी है। इस मामले में ईओ भुगतान शुरू होने की बात कह रहे हैं। लेकिन बड़ी समस्या है कि न तो बोर्ड है न ही काम के प्रति गंभीरता। पहले से आवास योजना का काम देख रहे दो कर्मी को हटाए जाने के बाद फाइल की सही स्थिति का भी पता ईओ को नहीं है। कब होगी सामान्य स्थिति पिछले दो माह से नप में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले वाले ईओ के जाने के बाद स्थिति काफी चिताजनक हो गई है। डेढ़ माह ईओ के ट्रेनिग के जाने के बाद से काम पहले से ठप था। उसके बाद सफाईकर्मी के हड़ताल के बाद 18 अगस्त से मुख्य पार्षद के पद के लिए तिथि निर्धारण नहीं करने पर विपक्ष के पार्षदों का हड़ताल से कामकाम पूरी तरह से चरमरा गई है। दीपावली व छठ पर पड़ेगा असर नप में जारी अव्यवस्था का असर दीपावली व छठ पर निश्चित रूप से पड़ने के आसार है। मालूम हो कि शहर से प्रतिदिन एक टन से ज्यादा का कूड़ा का उठाव हो रहा है। लेकिन एनजीओ मुश्किल से आधे टन कूड़ा का उठाव कर पा रहे हैं। गली-मोहल्ले में आज भी नियमित रूप से कूड़े का उठाव नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोट स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। एनजीओ को भी टेंडर तक एक्सटेंशन दे दिया गया है। -अजय कुमार, ईओ, मधेपुरा

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