तारापुर उपचुनाव: जदयू का सीट रहेगा बरकरार या राजद-कांग्रेस की नैया होगी पार, एक विश्‍लेषण

हवेली खडग़पुर (मुंगेर) [राम प्रवेश सिंह]। तारापुर विधानसभा उप चुनाव में यह सीट हाट बन गया है। किसी दल के लिए यह सीट बचाने की चुनौती है तो किसी दल के लिए खोई हुई सीट वापस पाने की चुनौती बनी हुई है। इस विधानसभा सीट पर वर्ष 2010 से जदयू चुनाव में जीत दर्ज करती आ रही है। इस बार के चुनाव में इस सीट को बचाना जदयू के लिए चुनौती से कम नहीं है। वर्ष 1995 में अंतिम बार इस सीट को गंवा चुके कांग्रेस इस सीट को वापस पाना चाहती है।

महागठबंधन का हिस्सा रहते हुए कांग्रेस इस सीट पर राजद के खिलाफ चुनाव मैदान में मजबूती के साथ मैदान में है। राजद वर्ष 2010 में खो चुकी इस सीट को वापस लेने के लिए कोई कोर कसर छोडऩा नही चाहती है। राजद ने यहां से नए चेहरे को चुनाव मैदान में उतार कर इस सीट को अपने खाते में करने की जी जान कोशिश कर रही है। रामविलास की लोजपा पार्टी ने भी चुनाव मैदान में अपना प्रत्याशी उतारकर इस चुनाव को रोमांचक मोड में डाल दिया है।
खोए जनाधार वापस लाने की जुगत में पार्टियां
जदयू ने राजीव कुमार सिंह, राजद ने अरुण कुमार, कांग्रेस ने राजेश मिश्रा को तारापुर विधानसभा क्षेत्र के ही प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि लोजपा ने जमुई विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार पर अपना भरोसा जताया है। एक तरफ एनडीए के सभी घटक दल मिलकर चुनाव जीतने की तैयारी में जुटे हुए हैं। महागठबंधन के कांग्रेस और राजद ने अपने-अपने उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार दिया है। पिछले तीन दशक से कांग्रेस राजद के साथ गठबंधन में है।
इन तीन दशकों में कभी सीट बंटवारे तो कभी कुछ वजहों से कांग्रेस लगातार राजद के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ रही है। महागठबंधन में रहकर महागठबंधन के राजद के विरुद्ध चुनाव मैदान में अपनी प्रत्याशी खड़ा कर कांग्रेस अपनी खोई हुई जनाधार को वापस करने की जुगत में है। फिलहाल चुनाव मैदान में खड़े सभी उम्मीदवारों ने क्षेत्र की जनता से आशीर्वचन लेकर अपनी अपनी जीत सुनिश्चित करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन तारापुर विधानसभा क्षेत्र की जनता किसके सर पर जीत का सेहरा बांधेगा यह दो नंवबर का चुनाव परिणाम ही बताएगा।

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