नवादा, संवाद सहयोगी। इस वर्ष मानसून बिहार पर खास मेहरबान है। आम तौर पर 10 अक्टूबर को मानसून की विदाई हो जाती है। मगर इस बार 15 अक्टूबर के बाद भी जमकर बारिश हुई। हालांकि जाते-जाते मानसून ने हथिया नक्षत्र में बरसकर किसानों को खुशी दी। वहीं नवादा में पिछले दो दिनों से चित्रा नक्षत्र में हो रही बारिश से किसानों में मायूसी देखी जा रही है। आम तौर पर बारिश होने से किसानों में खुशी देखी जाती है, लेकिन इस बारिश से मायूसी है।
धान की फसल को होगा नुकसान
कृषि पंडित घाघ ने कहा है कि हथिया बरसे, चित मडऱाय, घर बैठे किसान नितराय। यानी कि हथिया नक्षत्र की बारिश किसानों के चित्त को खुश कर देती है। वहीं चित्रा नक्षत्र में धूप-छांव का मौसम फसल के लिए अनुकूल माना गया है न कि बारिश। हथिया नक्षत्र में जमकर बारिश होने से खेतों में पहले से नमी बरकरार है। ऐसे में धान की फसलों में या तो बाली निकल गई है या फिर निकलने वाली है। कुछ खेतों में धान की फसलें काटने लायक हो गई है। ऐसे में बारिश से नुकसान के अलावा और कुछ नहीं है।
तेलहन लगाने में हाेगा विलंब
आमतौर पर दशहरा समाप्त होने के साथ किसान तेलहनी फसलों को लगाना आरंभ कर देते थे। बारिश होने से खेतों में नमी की अधिकता से तेलहन फसल लगाने में विलंब होगा, जिसका असर उत्पादन पर पड़ेगा। अरहर, मसूर, केराव, चना, कुल्थी, राय, सरसों आदि का फसलें प्रभावित होगी।
सब्जियाें का महंगा होना तय
बारिश के कारण खेतों में नमी की अधिकता के कारण आलू फसल लगाने में विलंब होगा। ऐसे में सब्जियां महंगी रहनी लगभग तय है। सब्जी उत्पादक किसान भी परेशान हैं। बहरहाल चित्रा नक्षत्र की बारिश से किसान परेशान हैं। प्रकृति के आगे किसान बेबस और लाचार हैं। इसके साथ ही पंचायत चुनाव प्रचार पर बारिश का असर हो रहा है सो अलग।