नागरिक सेवा प्राप्त करना देश के लोगों का संवैधानिक अधिकार : एडीजे

दरभंगा। विधिक सहायता के साथ-साथ नागरिक सेवा प्राप्त करना देश के लोगों का संवैधानिक अधिकार है। समान न्याय की अवधारणा के अनुरूप जरूरतमंद सभी नागरिकों को कानूनी सहायता मिलनी चाहिए। इसके लिए देश में राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत किया गया है। उक्त बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह एडीजे जावेद आलम ने मंगलवार को प्राधिकार कार्यालय में जिला के विभिन्न प्रखंडों के शिक्षिकाओं के एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्राधिकार का काम कानूनी सहायता कार्यक्रम लागू करना और उसका मूल्यांकन करने सहित निगरानी करना है। साथ ही इस अधिनियम के अन्तर्गत कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराना भी मुख्य दायित्व है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार का काम नालसा की नीतियों और निर्देशों को कार्य रूप देना और लोगों को निश्शुल्क कानूनी सेवा प्रदान करना तथा समय-समय पर लोक अदालतों के माध्यम से त्वरित व निश्शुल्क न्याय निष्पादन कराना है। सचिव आलम ने शिक्षिकाओं से लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया । पैनल अधिवक्ता विष्णु कान्त चौधरी ने बाल श्रम कानून के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बच्चों में अपराध के प्रवृति पर रोक के लिए बल दिया। कहा कि बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के माध्यम से सामान्य कानून की जानकारी दी जाए। अधिवक्ता तौसीफ अख्तर ने विक्टिम कंपनसेशन एक्ट तथा पूनम कुमारी ने बाल विवाह पर विस्तार से चर्चा की। डीपीओ कन्हैया कुमार ने शिक्षाकाओं का स्वागत करते हुए उन्हें प्राधिकार के उद्देश्य को जन जन तक पहुंचाने के अपील की। मौके पर कार्यालय कर्मी मुन्ना दास, संजय कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे ।


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