कवियों, शायरों व साहित्यकारों ने किया चंपारण साझा अदबी मंच का गठन

मोतिहारी। वरीय शायर डॉ. जफर इमाम कादरी के निवास पर चंपारण के नामवर साहित्यकारों की विशेष बैठक प्रख्यात शायर एवं मंच संचालक डॉ. शकील मोईन की अध्यक्षता में हुई। इसमें वरीय कवि डॉ. गोरख मस्ताना, मशहूर शायर सुरेश गुप्त, गजलकार अरुण गोपाल और मोतिहारी से विशेष रूप से नामचीन शायर गुलरेज शहजाद, मोतिहारी एमएस कॉलेज के प्राचार्य व मशहूर साहित्यकार डॉ. अरुण कुमार एवं एमजेके कॉलेज बेतिया के प्राचार्य और वरीय कवि प्रो. सुरेन्द्र प्रसाद केसरी आनलाइन शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से चंपारण के उर्दू एवं हिदी के साहित्यकारों के समन्वय से एक “साझा “संगठन बनाया गया जो चंपारण के पूर्व और वर्तमान को साहित्यिक सेवाओं के संदर्भ में परिमार्जित करेगा। बैठक में यह निर्धारित किया गया कि वर्ष में कम से कम तीन बड़े कार्यक्रम मोतिहारी व बेतिया के साथ बगहा एवं वाल्मीकिनगर में लघु गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। चम्पारण साझा अदबी मंच के संचालन के लिए सर्वसम्मति से संस्था की ग्यारह सदस्यीय कार्यसमिति का प्रारूप तय किया गया। इसमें मानद परामर्शी- डॉ. अरुण कुमार प्राचार्य, मुंशी सिंह महाविद्यालय, मोतिहारी एवं प्रो. सुरेंद्र केसरी प्राचार्य, महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय, बेतिया, मुख्य संरक्षक- डॉ. शकील मोईन, सम्मानित अध्यक्ष- डॉ. गोरख प्रसाद मस्ताना, अध्यक्ष- डॉ. जफर इमाम उपाध्यक्ष- अरुण गोपाल एवं डॉ. हातिम जावेद, सचिव- सुरेश गुप्त, पश्चिमी चम्पारण इकाई एवं गुलरेज शहजाद,पूर्वी चंपारण ईकाई, संयुक्त सचिव- डॉ. •ाकिर हुसैन •ाकिर, पश्चिमी चम्पारण इकाई एवं कलीमुल्लाह कलीम ,पूर्वी चंपारण इकाई नामित किये गए। अंत में डॉ गोरख मस्ताना एवं सुरेश गुप्त ने अपने विचार रखे। गुलरेज शहजाद ने कहा कि चंपारण का साझा साहित्यिक मंच का गठन एक महत्वपूर्ण और आवश्यक कदम है। उन्होंने कहा कि इसकी पहली विशाल गोष्ठी नवम्बर में मोतिहारी में आयोजित की जाएगी।

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