बैठक में उठेगा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में मानदंडों की अनदेखी का मामला

जागरण संवाददाता, पूर्णिया: पूर्णिया विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य राकेश कुमार ने 27 अक्टूबर को होने वाली सीनेट की बैठक को लेकर अपने प्रश्नों की सूची पत्र के माध्यम कुलपति को प्रेषित कर दी है। इसमें विशेष रुप से अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में मापदंडों की हुई अनदेखी को लेकर उनके द्वारा पूर्व में दिए गए आवेदन के आलोक में हुई कार्रवाई की जानकारी देने की बात कही गई है। उन्होंने कहा है कि बैठक में इस मामले में अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इसी तरह विश्वविद्यालय के स्थापना काल से सरकार व अन्य श्रोतों से प्राप्त आवंटन का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए इसकी प्रतिलिपि सदस्यों को भी उपलब्ध कराने की मांग की गई है। उन्होंने एमबीए की पढ़ाई को लेकर सरकार के स्तर से स्वीकृति को लेकर हो रही पहल सहित अन्य जानकारियां भी बैठक में दिए आने की अपेक्षा जताई है। सीनेट की बैठक से पूर्व बजट की प्रति नहीं मिलने पर उठाया सवाल जागरण संवाददाता, पूर्णिया: पूर्णिया विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक 27 अक्टूबर को होनी है। इधर बैठक से पूर्व ही शिव शंकर सरकार ने कुलसचिव को पत्र लिखकर कुछ सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि बैठक का मुख्य मुद्दा विश्वविद्यालय का बजट है लेकिन इसकी प्रति अब तक उन लोगों को उपलब्ध नहीं कराई गई है। ऐसे में किस प्रकार इसका पूर्वावलोकन कर किसी प्रकार का विचार दिया का सकता है। इसी तरह विश्वविद्यालय की स्थापना के तीन वर्ष से अधिक हो जाने के बावजूद अब तक विश्विद्यालय के पूर्ण सीनेट का गठन नहीं होने पर भी उसने सवाल उठाया है। श्री सरकार ने अपने पत्र में कहा है कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक कार्यशैली में अपेक्षित सुधार नहीं दिख रहा है। सत्र भी विलंबित होने लगे हैं। स्नातकोत्तर की मान्यता, पीएचडी और शोध की स्थिति असंतोष प्रद है। अमान्य छात्रों के वर्ग संचालन की स्थिति ठीक नहीं है। आखिर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस दिशा में क्या प्रयास किए गए हैं, यह भी बैठक में स्पष्ट होनी चाहिए। इसके अलावा बैठक के लिए कई सवाल भी उनके द्वारा दिए गए हैं। इसमें सरकार द्वारा उन्नत शिक्षण संस्थाओं के विकास की योजना सेंटर आफ एक्सलेंस की तर्ज पर विश्वविद्यालय के स्तर से कोई पहल हुई है या नहीं, यह प्रश्न भी उनकी ओर से रखा गया है। इसी तरह के कई अन्य सवाल भी श्री सरकार द्वारा उठाए गए हैं।


अन्य समाचार