मेजगरंज के अंचलाधिकारी रहे चंदन कुमार की गिरफ्तारी के आदेश, धोखाधड़ी का आरोप

सीतामढ़ी। मेजरगंज के तत्कालीन सीओ चंदन कुमार की गिरफ्तारी का आदेश सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रमाकांत उपाध्याय ने जारी किया है। सीओ चंदन पर एक युवक से धोखाधड़ी से लगभग 22 लाख रुपये लेने का आरोप है। मामले की जांच सदर एसडीपीओ कर रहे थे। तत्कालीन सीओ फिलहाल बेगूसराय जिले में तैनात हैं और मूल रूप से मुंगेर के दशहरा बाजार के निवासी हैं। मेजरगंज थाने में 10 जुलाई को कांड संख्या-115/21 दर्ज किया गया था। थाना क्षेत्र के कुआरी मदन गांव निवासी सुबोध सिंह के पुत्र प्रभात कुमार ने यह मामला दर्ज कराया था। प्रभात ने उनपर 21 लाख 96 हजार रुपये उधार लेकर नहीं चुकता करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

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शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में लगाई थी गुहार
प्रभात का कहना है कि कई बार रुपये लौटाने को उनसे कहा, मगर उन्होंने नहीं लौटाया। इसकी शिकायत लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचे। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इस मामले में जांच तेज हुई। मुख्यमंत्री ने संबंधित पदाधिकारियों को जांच व कार्रवाई का आदेश दिया। केस का आइओ पुअनि नइमुद्दीन अंसारी को बनाया गया था। एसडीपीओ की जांच में मामले को सत्य करार देते हुए आरोपी सीओ का नाम-पता और उम्र का सत्यापन कर गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया गया है। फरार रहने की स्थिति में कुर्की-जब्ती के भी आदेश दिए गए हैं।
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पर्यवेक्षण टिप्पणी के आधार पर ये है पूरा मामला
पूरा आरोप धोखाधड़ी कर अमानत में ख्यानत करने से जुड़ा बताया गया है। एसडीपीओ की पर्यवेक्षण टिप्पणी में उल्लेख किया गया है कि तत्कालीन सीओ चंदन कुमार ने प्रभात को विश्वास में लेकर बैंक के माध्यम से और नकद के रूप में कुल 21 लाख 96 हजार रुपये उधार लिए। इस राशि को कुछ दिनों के बाद लौटाने की बात कही थी। कुछ दिनों के बाद जब उधार राशि मांगी तो वे टाल-मटोल करने लगे। बार-बार आग्रह करने पर तत्कालीन सीओ ने मात्र 45 हजार रुपये एक एग्रीमेंट पेपर बनाकर वापस किए। उस पेपर पर सीओ ने 21 लाख 96 हजार रुपये में से 45 हजार रुपये चेक के माध्यम से वापस करने की बात लिखी और शेष राशि मार्च 2021 तक वापस कर देने की बात लिखी। यह भी लिखा था कि यदि समय पर राशि का भुगतान नहीं किया तो प्रभात किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। वाट्सएप चैट में भी पैसे के लेन-देन का प्रमाण उपलब्ध है। प्रभात और तत्कालीन सीओ में पूर्व में अच्छी दोस्ती थी और पैसे का लेन-देन का मामला विश्वास में रखकर किया गया।
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मुझको फंसाने की गहरी साजिश, एसपी की जांच से उठेगा पर्दा
चंदन कुमार (तत्कालीन सीओ, मेजरगंज) का कहना है कि ये सारे आरोप बेबुनियाद हैं। शिकायतकर्ता प्रभात गहरी साजिश के तहत मुझे फंसाने पर तुला हुआ है। जब मैं पदस्थापित होकर मेजरगंज में गया तभी से वह मेरे साथ नजदीकी बढ़ाने की कोशिश करता रहा था। उसके पिता वार्ड सदस्य थे जिसके चलते वह पंचायत का कामकाज लेकर अक्सर आता-जाता था। वहां के तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर (रीगा) को मेलजोल में लेकर उसने मुझे फंसाने की साजिश रची। उक्त इंस्पेक्टर मेजरगंज में ही रहा करते थे। सबसे बड़ी बात कि एसडीपीओ की पर्यवेक्षण रिपोर्ट अगर गिरफ्तारी को लेकर निकली ही हुई है तो वह सार्वजनिक कैसे हो गई। यह दर्शाता है कि पुलिस विभाग के लोग भी मिले हुए हैं। वहां के एसपी से हम मांग करते हैं कि पूरे मामले की अपने स्तर से जांच कराएं। जांच में असलियत सामने आ जाएगी।

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