युवा मतदाता कर रहे विकास पुरुष की तलाश

संसू, सिकटी, (अररिया):पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद पंचायत चुनाव में परिवार के हर सुख-दुख में भाग लेने वाले को मतदाता मुखिया बनाते थे। बुजुर्ग मतदाताओं का कहना है कि पंचायत के सम्मानित योग्य लोगों को मुखिया मतदाता चुनते थे और अतीत में मुखिया पंचायत के लोगों के बीच होने वाले समस्याओं को आपस में बैठ कर मामले को निष्पादन करते थे। लेकिन वर्तमान के समय में ऐसा कुछ दिखाई नही देता। गांव के लोग छोटा-मोटा विवाद होने पर थाना नहीं पहुंचकर मुखिया जी के चौपाल पर ही दोनों पक्षों को बुलाकर विवाद का समाधान करते थे, लेकिन बदलते परिवेश में मुखिया प्रत्याशी धनबल के सहारे मुखिया बन रहे हैं। आज के दौर में सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का क्रियान्वयन मुखिया करने लगे हैं, जिससे पावरफुल होने लगे हैं। पंचायत में दर्जनों लोग मुखिया पद के प्रत्याशी होने लगे हैं। आज के दौर में ईमानदार व्यक्ति की पूछ नहीं है। फिर भी मतदाता जिस दिन जागते हैं, इतिहास रच डालते हैं। इधर पंचायत चुनाव को लेकर पहली बार अपना बहुमूल्य वोट देने के लिए युवाओं में काफी उत्साह दिख रहा है। पहली बार मतदाता बनी युवा पीढ़ी अपने वोट को लेकर काफी गंभीर एवं संजीदा हैं। उनका कहना है कि पंचायत चुनाव में क्षेत्र का चौमुखी विकास एवं आदर्श ग्राम का सपना पूरा करने वाले प्रत्याशी को ही वे अपना वोट करेंगे। युवाओं का कहना है कि यदि प्रत्याशी चुनाव के समय पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं तो जीत के बाद इनसे विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती है।


चुनावी सरगर्मी तेज- पंचायत चुनाव को लेकर युवाओं के बीच सरगर्मी तेज हो गई है। सुबह एवं शाम चुनाव की चर्चा एक तरह से चुनावी चौपाल का रूप ले ली है। मतदाताओं का साफ कहना है कि हमलोग एक अच्छे मुखिया का चयन करते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे अपने विकास के वायदे को भूला कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने लगते हैं। वोटर ऐसे प्रत्याशी की तलाश में हैं जो क्षेत्र में रोजगार का अवसर प्रदान करें। योजनाओं में बाहर के मजदूर से नहीं बल्कि पंचायत के मजदूरों से कार्य कराया जाए। संभावित उम्मीदवार भी वोटरों का मन टटोलने में लगे हैं।

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