राष्ट्रीय पुरस्कार के बाद वीर सावरकर काला पानी कोठरी पहुंची भावुक कंगना रनौत- अंदर से हिल गई

राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर एक बार फिर से कंगना रनौत ने हिंदी सिनेमा में अपने नाम को ऊपर करा लिया है। कंगना रनौत को मणिकर्णिका और पंगा फिल्म के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार मिला है। हालांकि अपने जीवन में फिर से इस बड़े सम्मान के बाद कंगना रनौत एक खास जगह पर पहुंच गईं।

कंगना रनौत सोशल मीडिया पर काफी अधिक एक्टिव हैं और अपने निजी और प्रोफेशनल जिंदगी से जुड़ी हुई कोई ना कोई तस्वीर शेयर करती रहती हैं। इस बार भी कंगना रनौत ने सबसे अलग और एक खास तस्वीर को सभी के साथ साझा कर एक खास जगह पर जाने का अपना अनुभव भी बताया है।
कंगना रनौत ने सेलुलर जेल से अपनी कुछ फोटोज शेयर की हैं। कंगना रनौत ने खुद के लिए थोड़ा समय निकालते हुए अंडमान निकोबार की ट्रिप पर पहुंच गईं। जहां की सबसे लोकप्रिय जगह सेलुलर जेल जाकर कंगना रनौत ने वीर सावरकर की उस जगह को दिखाया जहां पर उन्हें काला पानी की सजा दी गई थी। यहां पर जाकर कंगना रनौत ने वीर सावरकर को नमन किया। साथ ही इस सेलुलर जेल की कई तस्वीरों को भी फैंस के साथ साझा किया। इंस्टाग्राम पर कंगना रनौत ने इन सभी तस्वीरों को शेयर किया है।
इस तस्वीर में आप देखेंगे कि कंगना रनौत ने वीर सावरकर की तस्वीर के आगे अपना शीश झुकाकर प्रणाम कर रही हैं। इन तस्वीरों के साथ कंगना रनौत ने एक खास मैसेज के जरिए अपने दिल की बात जाहिर की है। कंगना रनौत ने इन फोटोज को शेयर करते हुए लिखा है कि आज अंडमान निकोबार के सेलुलर जेल में वीर सावरकर के कक्ष का दौरा किया। यह देखकर मैं अंदर से हिल गई।
अमानवीयता अपने चरम पर थी- वीर सावरकर
जब अमानवीयता अपने चरम पर थी तो वीर सावरकर जी ने मानवता की अलख जगाई। कंगना रनौत ने लिखा कि वीर सावरकर ने हर क्रूरता का प्रतिरोध किया। और एक दृढ़ संकल्प के साथ इसका सामना किया। कंगना रनौत ने बोला कि वो यानी कि अंग्रेज कितने डरे हुए होंगे जिसकी वजह से उन्होंने वीर सावरकर जी को उन दिनों काला पानी में रखा था।
मोटी दीवार वाली जेल बनाई गई
कंगना रनौत ने आगे अपनी भावना बताते हुए लिखा कि समुद्र के बीच इस छोटे से द्वीप से बचना असंभव है। फिर भी अंग्रेजों ने वीर सावरकर जी को जंजीरों में डाल दिया। एक मोटी दीवार वाली जेल बनाई गई। वीर सावरकर को एक छोटी काल कोठरी में बंद कर दिया गया। इस डर की कल्पना करें कि अंग्रेज कितने कायर थे।
आजादी का सच- कंगना रनौत
कंगना ने लिखा है कि यह जेल आजादी का सच है। न कि वो जो हमें किताबों में पढाते हैं। स्वतंत्रता संग्राम के इस सच्चे नायक को मेरा कोटि कोटि नमन। जय हिंद। आप देखेंगे कि कंगना रनौत वीर सावरकर इस काल कोठरी में काफी समय तक आंख बंद करके ध्यान भी करती हुई नजर आती हैं।
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source: filmibeat.com

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