क्या है मेटावर्स; अगले कुछ सालों में बदल जाएगी वर्चुअल दुनिया?

What the metaverse is and how it will work: हममें से अधिकतर लोग पौराणिक कथाओं में ‘नारद’ के किरदार से अवगत होंगे. एक ऐसा किरदार जो एक पल में नारायण तो दूसरे पल में महादेव के समक्ष हाजिर हो जाता है. दरअलस, आज हम जिस मेटावर्स (metaverse) की बात कर रहे हैं वो काफी कुछ नारद के किरदार से मिलता जुलता है. इन दिनों टेक्नोलॉजी की दुनिया में इस शब्द की खूब चर्चा है. इस शब्द को प्रयोग कई संदर्भों में किया जाता है, लेकिन टेक्नोलॉजी की जिस दुनिया की आज हम बात करने जा रहे हैं उसमें मेटावर्स का मतलब है- एक ऐसी वर्चुअल दुनिया जिसमें आप खुद वर्चुअली प्रवेश कर जाते हैं.

दरअसल, दुनिया की प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं. सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक ने इस काम में हजारों इंजीनियरों को लगा रखा है. वहीं तमाम वीडियो गेम कंपनियां भी इस दिशा में काम कर रही हैं. कहा जा रहा है कि यह भविष्य की तकनीक है जो मौजूदा दुनिया को पूरी तरह से वर्चुअल बनाने की एक कोशिश है. फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग इस तकनीक को भविष्य बता चुके हैं. फेसबुक इस तकनीक पर इस साल 10 अरब डॉलर की राशि खर्च करने जा रही है.
क्या है मेटावर्स (WHAT IS THE METAVERSE)? मार्क जुकरबर्ग इसे एक ऐसे वर्चुअल एनवायरमेंट बताते हैं जिसमें आप खुद एंट्री करेंगे. अभी तक वर्जुअल वर्ल्ड को आप अपने स्क्रीन पर देखते हैं. लेकिन मेटावर्स इससे काफी आगे की चीज है. जुकरबर्ग के मुताबिक यह वर्चुअल कम्युनिटी की एक ऐसी दुनिया होगी जहां लोग आपस में मिल सकेंगे, काम कर सकेंगे और खेल सकेंगे. इसके लिए उनके वर्चुअल रियलिटी हेडसेट्स, ऑगमेंटेड रियलिटी ग्लासेस, स्मार्टफोन ऐप्स और अन्य डिवाइसों की जरूरत पड़ेगी.
इसमें ऑनलाइन लाइफ की अन्य चीजों जैसे शॉपिंग और सोशल मीडिया को भी शामिल किया जा सकता है. वेबसाइट एबीसीन्यूज डॉट गो डॉट कॉम पर टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट विक्टोरिया पेट्रोक के हवाले लिखी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कनेक्टिविटी के क्षेत्र में काफी आगे की चीज है, जहां सभी चीजें पलक झपकते आपके सामने होंगी. ऐसे में आप जिस तरह से अपना फिजिकल लाइफ जी रहे हैं ठीक उसी तरह वर्चुअल लाइफ भी जी पाएंगे.
कब तक होगा संभव हालांकि रिसर्च फर्म गार्टनर में टेक एक्सपर्ट तुआंग नगूयेन का कहना है कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. अभी उस चीज के बारे में इतना डिटेल अनुमान लगाना ठीक नहीं है जिस चीज को अभी बनाया ही नहीं गया है. फेसबुक का कहना है कि इस तकनीक को मूर्त रूप देने में काफी साल लग सकते हैं.
आप मेटावर्स के साथ क्या कर सकते हैं मेटावर्स की कल्पना एक ऐसी चीज के रूप में की जा रही है जिसमें आप अपने घर बैठे अपनी पसंद की दुनिया या जगह पर पहुंचकर उसका लाइव आनंद ले सकते हैं. अभी तक आप मोबाइल फोन पर वीडियो कॉल कर किसी जगह या अपने पसंद के किसी लाइव शो का आनंद ले सकते हैं, लेकिन मेटावर्स इससे काफी आगे की चीज है. इसमें आप डिजिटल क्लॉथिंग (digital clothing) के जरिए एक वर्जुअल दुनिया में एंट्री कर लेंगे. यानी फिजिकली आप अपने घर में हैं लेकिन आपका दिमाग खास डिजिटल उपकरणों की सहायता से वर्चुअल दुनिया में विचरण करा रहा होगा.
वर्क फ्रॉम होम जैसी स्थिति में बेहद अच्छा मेटावर्स वर्क फ्रॉम होम जैसी स्थिति के लिए गेम चेंजर हैं. आप कोविड काल में घर से काम करते वक्त अपने साथियों से वीडियो कॉल पर मीटिंग करते हैं. लेकिन मेटावर्स इसके पूरे कंसेप्ट को बदल सकता है. इसमें एक दूसरे को वीडियो कॉल पर देखने की बजाय सभी एक वर्चुअल दुनिया में एक साथ काम कर सकते हैं. वे वहां एक दूसरे को देख सकते हैं.

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