शाहरुख खान की बिजनेस पार्टनर और करीबी दोस्त जूही चावला बनीं आर्यन खान की गारंटर, लेकिन इस वजह से आज नहीं हो पाएगी आर्यन की रिहाई

शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स केस में बॉम्बे हाई कोर्ट से 28 अक्टूबर को जमानत मिल गई है । हाई प्रोफ़ाइल क्रूज ड्रग्स पार्टी में गिरफ़्तार हुए आर्यन 25 दिनों से जेल में बंद थे । और आज पूरे 26 दिनों बाद आर्यन जेल से रिहा हो रहे हैं ऐसे में उनके घर मन्नत में खुशी का माहौल है । आर्यन खान के बेल पेपर पर गारंटर के रूप में शाहरुख खान की दोस्त और को-एक्टर जूही चावला ने साइन किया । हालांकि कागजी कार्यवाही पूरी नहीं होने के चलते आर्यन को एक रात और जेल में बितानी होगी ।

आर्यन खान की गारंटर बनीं जूही चावला
जेल से रिहाई की सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आर्यन खान मुंबई की आर्थर रोड जेल से बाहर आने वाले थे मगर जेल तक बेल आर्डर की कॉपी समय पर नहीं पहुंच सकी । बेल ऑर्डर कॉपी एनडीपीएस कोर्ट से ऑर्थर रोड जेल में 5.30 बजे तक नहीं पहुंची । इस वजह से जमानत मिलने के बाद भी आर्यन को आज रात जेल में काटनी पड़ेगी ।
गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से ड्रग्स केस में जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को जस्टिस नितिन साम्ब्रे ने आर्यन का बेल ऑर्डर दोपहर तक जारी किया । बॉम्बे हाईकोर्ट ने आर्यन को शर्तों के साथ बेल दी है । हाई कोर्ट से जमानत का आदेश जारी होने के बाद एक्ट्रेस जूही चावला एनडीपीएस कोर्ट पहुंचीं और 1 लाख रुपये का बॉन्ड जमा कराया । उनके साथ आर्यन खान के वकील भी थे । जूही चावला ने एक लाख रुपये का बॉन्ड भरकर आर्यन की जमानत ली है और वकीलों ने सारी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है । इन औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद अब उनकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो सकती है ।
जूही चावला बचपन से ही आर्यन को जानती हैं
एनडीपीएस कोर्ट में पहुंचने पर आर्यन खान के वकील ने जज से कहा, 'सर मैं जमानती के तौर पर जूही चावला को पेश कर रहा हूं । आर्यन की जमानत लेते हुए जूही चावला ने कहा कि वो आर्यन खान की जमानत ले रही हैं । इस पर शाहरुख खान के वकील ने कहा कि जूही चावला बचपन से ही आर्यन खान को जानती हैं क्योंकि दोनों परिवार पेशेवर तौर पर जुड़ाव रखते रहे हैं ।
गुरुवार को कोर्ट से ऑर्डर की कॉपी नहीं मिलने की वजह से रिहाई नहीं हो पाई । आज भी प्रक्रिया में देरी की वजह से आर्यन को एक रात और जेल में ही बितानी होगी ।
कोर्ट ने आर्यन को कुछ शर्तों के साथ जमानत दिए जाने का आदेश दिया है । और वो शर्ते हैं_
-आरोपी उसी तरह के अपराध में फिर से शामिल नहीं होगा ।
- सह-आरोपियों से किसी भी तरह का संपर्क नहीं करना होगा ।
-अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे ।
-कार्यवाही के बारे में सोशल मीडिया या मीडिया को कोई बयान नहीं देंगे ।
-जांच अधिकारी को बताए बिना मुंबई नहीं छोड़ सकते ।
-उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हर शुक्रवार को दोपहर 11 से 2 बजे के बीच एनसीबी कार्यालय में उपस्थित होंगे ।
-सभी तिथियों पर अदालत में उपस्थित होंगे जब तक कि किसी उचित कारण से रोका न जाए ।
-बुलाए जाने पर एनसीबी कार्यालय जाएंगे ।
-मुकदमे में किसी तरह की देरी करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए ।
-यदि इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन होता है, एनसीबी सीधे एनडीपीएस कोर्ट में जमानत रद्द करने के लिए आवेदन कर सकती है ।
-पासपोर्ट को स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट को सौंपना होगा ।

अन्य समाचार