सदर अस्पताल में भर्ती से इंकार, डेढ़ घंटे तक एंबुलेंस में रहा मरीज

समस्तीपुर। सदर अस्पताल के कर्मियों ने शनिवार को एक वृद्ध मरीज को आपातकालीन वार्ड में भर्ती करने से इंकार कर दिया। डेढ़ घंटा से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उसका इलाज शुरू नहीं हुआ। जबकि, इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सक के अलावा नोडल पदाधिकारी भी उपस्थित थे। इस कारण रेलवे चिकित्सालय और सदर अस्पताल के कर्मियों के बीच नोकझोंक भी हुई। रेल पुलिस के आने पर भी कर्मी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। सदर अस्पताल का स्वास्थ्य कर्मी मरीज लाने वाले रेल कर्मी से रेफर पर्ची मांग रहा था। सूचना मिलते ही रेलवे चिकित्सालय के डा. शिवाशीष राय तत्काल मौके पर पहुंचे। उनके हस्तक्षेप के बाद भी इलाज शुरू नहीं किया जा सका। फिर मामले की जानकारी दैनिक जागरण के संवाददाता को मिली। अस्पताल प्रबंधक डा. विश्वजीत रामानंद से संपर्क करने पर तत्काल इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। अस्पताल प्रबंधक ने मरीज को तत्काल भर्ती कराते हुए वर्तमान स्थिति को पूर्जा में अंकित कराते हुए इलाज शुरु कराया। बाद में मरीज को डायरिया के अलावा सिर व शरीर के अन्य भाग में सूजन को देखते हुए डीएमसीएच रेफर कर दिया गया। इस बीच जीआरपी सिपाही भी वापस चले गए। बाद में अस्पताल प्रशासन ने रेल एसपी से बात की। जिसके बाद रेल सिपाही को सदर अस्पताल भेजकर मरीज को डीएमसीएच ले जाया गया। रेफर पर्ची नहीं देने पर भर्ती करने से किया मना


रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या सात पर एक वृद्ध की दयनीय स्थिति को देखते हुए यात्री ने रेल प्रशासन से शिकायत की। सूचना पर रेलवे चिकित्सालय से मेडिकल टीम जंक्शन पर पहुंची। मेडिकल टीम में शामिल डा. शिवाशीष राय ने मरीज का प्राथमिक उपचार किया। फिर उसे एंबुलेंस से सदर अस्पताल भेज दिया। मरीज के साथ रेल पुलिस मेमो लेकर पहुंचा। जबकि, सदर अस्पताल में कर्मी रेफर होने का पर्ची मांग रहा था। रेल कर्मियों का कहना था कि मरीज को सीधे प्लेटफार्म से लाया गया है। जिसके बाद सदर अस्पताल के कर्मी ने मरीज को लेने से इंकार कर दिया। सदर अस्पताल के कर्मियों का कहना था कि रेलवे अस्पताल में क्यों नहीं इलाज किया जाता। वह किस काम के लिए है। इस पर रेल कर्मियों ने बताया कि रेलवे चिकित्सालय में रेल कर्मी का इलाज होता है। लेकिन स्टेशन या अन्य रेल परिसर में किसी तरह की घटना होती है तो उसके उसका प्राथमिक उपचार किया जाता है। प्राथमिक चिकित्सा के बाद उसे सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। सदर अस्पताल के कर्मी का कहना है कि रेलवे से मरीज को भर्ती कराने के बाद जीआरपी भी चली जाती है। मरीज को रेफर करने की स्थिति में उसे किसके साथ भेजा जाएगा।

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