सर्दियों में निमोनिया से बचाने के लिए बच्चों का टीकाकरण जरूरी



संवाद सहयोगी, किशनगंज : पिछले दो तीन दिनों से ठंड बढ़ने लगी है। सामान्य रूप से नवंबर से सर्दियों का मौसम शुरू हो जाता है। लेकिन इस बीच अधिकतम व न्यूनतम तापमान में अधिक अंतर होने के कारण शिशु, बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। सर्दी के मौसम में संक्रमित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इनमें से एक निमोनिया भी है।
वैश्विक शोध के अनुसार मलेरिया, दस्त एवं खसरा की अपेक्षा निमोनिया बीमारी की वजह से की मौत हो जाती है। ऐसे में बच्चों की उचित देखभाल के साथ-साथ संपूर्ण टीकाकरण बहुत जरूरी है। यह जानकारी सोमवार को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. मंजर आलम ने दी। उन्होंने बताया निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। बैक्टीरिया, वायरस या फंगल की वजह से फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। आम तौर पर बुखार या जुकाम होने के बाद निमोनिया होता है और यह 10 दिन में ठीक हो जाता है। लेकिन पांच साल से छोटे बच्चों व 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इस वजह से इनमें निमोनिया होने की संभावना अधिक रहती है। बैक्टीरिया से बच्चों को होने वाले जानलेवा निमोनिया को टीकाकरण करवा कर रोका जा सकता है। बच्चों को न्यूमोकोकल कानंजुंगेट वैक्सीन (पीसीवी का टीका दो माह, चार माह, छह माह, 12 माह और 15 माह पर) लगाने होते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल में आवश्यक टीकाकरण की सुविधा मौजूद है। एएनएम द्वारा संपूर्ण टीकाकरण का कार्यक्रम आंगनबाड़ी केंद्रों में भी किया जाता है। बच्चे को निमोनिया से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण जरूरी है। न्यूमोकोकल टीका (पीसीवी) निमोनिया, सेप्टिसीमिया, मैनिगजाइटिस या दिमागी बुखार आदि से बचाव करता है। --ग्राफिक्स के लिए--

शिशुओं के जन्म लेने के बाद लगा एजाने वाले टीके--
महीना ------ टीके का नाम
जन्म होते ही - ओरल पोलियो, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी
डेढ़ महीने बाद - ओरल पोलियो-1, पेंटावेलेंट-1, एफआईपीवी-1, पीसीवी-1, रोटा-1
ढाई महीने बाद - ओरल पोलियो-2, पेंटावेलेंट-2, रोटा-2
साढ़े तीन महीने बाद - ओरल पोलियो-3, पेंटावेलेंट-3, एफआईपीवी-2, रोटा-3, पीसीवी-2
नौ से 12 माह में - मीजल्स 1, मीजल्स रुबेला 1, जेई 1, पीसीवी-बूस्टर, विटामिन ए
16 से 24 माह में - मीजल्स 2, मीजल्स रुबेला 2, जेई 2, बूस्टर डीपीटी, पोलियो बूस्टर, जेई 2
5 से 6 साल में - डीपीटी बूस्टर 2
10 साल में - टेटनेस
15 साल में - टेटनेस

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