दीपावली को दरकिनार कर मताधिकार के प्रयोग में जुटे रहे मतदाता

जागरण संवाददाता, सुपौल : इसे लोकतंत्र के खूबसूरती कहें या फिर इसके प्रति लोगों की आस्था छोटी दीपावली के बावजूद पिपरा के मतदाताओं ने जिस तरह गांव की सरकार बनाने को लेकर मतदान में हिस्सा लिया इससे यह साबित हो गया कि निश्चित ही हम सब लोकतंत्र में आस्था रखने वाले लोग हैं। मतदान के प्रति लोगों के जुनून और जज्बा को देख लग ही नहीं रहा था कि आज छोटी दीपावली है और कल दीपावली है। सुबह से ही लोग एक पर्व की तरह इस चुनाव का हिस्सा बनने को बेताब थे। खासकर वैसे मतदाता जिनकी उम्र काफी अधिक हो गई थी उनके जोश और जज्बा को देख कर लोकतंत्र का असली रूप सामने दिख रहा था। निर्मली पंचायत के बूथ संख्या 59 का नजारा कुछ इसी बात की गवाही दे रहा था। दोपहर का वक्त था एक वयोवृद्ध महिला मतदाता को उनके बेटे ने गोद में उठाकर मतदान केंद्र पहुंचाया। मतदान के बाद भी उन्हें गोद में उठा कर ले जाया गया। जब इस महिला को उठा कर ले जाया जा रहा था तो इस दौरान मतदान केंद्र पर मौजूद सभी लोग उनके लोकतंत्र में भागीदारी को लेकर हौसला व जज्बे को सलाम कर रहे थे। बताया गया कि यह महिला बुधनी देवी है जिनकी उम्र करीब 105 वर्ष हो चुकी है लेकिन वह भी लोकतंत्र के तहत मिले अधिकार का उपयोग करना चाह रही थी। उनके बेटे ने बताया कि जब वोट मांगने प्रत्याशी उनके दरवाजे पर पहुंचते थे तो हर किसी को उसकी मां जीत की आशीर्वाद देती थी। इधर मतदान से एक दिन पूर्व वह भी वोट गिराने की जिद पर अड़ गई। उन्हें समझाया भी गया कि आखिर वह बूथ तक कैसे पहुंच पाएगी। मतदान के दिन सुबह से वह एक ही रट लगा रही थी कि उन्हें भी मतदान करना है। उनकी जिद के आगे आखिरकार सबको झुकना पड़ा और उन्हें बूथ तक लेकर आया। उन्होंने बताया कि एक-एक प्रत्याशियों का नाम और चुनाव चिह्न इन्हें याद है। वे उनके साथ मतदान कक्ष तक गए लेकिन उसके कहे मुताबिक प्रत्याशियों के नाम के आगे का बटन दबाया। कुछ ऐसा ही ²श्य मतदान केंद्रों पर भी दिखाई पड़ रहा था। कई दिव्यांगों का जोश और जज्बा मतदान को लेकर देखते ही बन रहा था। धूप के बावजूद वे तब तक कतार में लगे रहे जब तक अपने मत का प्रयोग नहीं किया। कुल मिलाकर प्रखंड क्षेत्रों में ऐसे मतदाताओं का जोश और जज्बा देखते बन रहा था।


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