खगड़िया के गोशाला मेला में एक माह का लगता है काष्ठ मेला

खगड़िया। खगड़िया के काष्ठ मेला की ख्याति दूर-दूर तक है। कोरोना काल को छोड़ दें, तो 30 वर्षों से यह मेला लग रहा है। खगड़िया गौशाला मेले के समापन के साथ यह मेला गौशाला ग्राउंड में शुरू हो जाता है। प्रसिद्ध सात दिवसीय गौशाला मेला का समापन 19 नवंबर को हो रहा है। 22 नवंबर से काष्ठ मेला शुरू हो जाएगा। जो एक माह तक चलेगा। काष्ठ व्यवसायियों का आना आरंभ हो गया है। खगड़िया गौशाला समिति के अध्यक्ष सह सदर एसडीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि काष्ठ मेला की अनुमति दी गई है। खड़ाऊं से लेकर बेलना-चकला और पलंग-दीवान भी रहता है उपलब्ध


इसमें खड़ाऊं से लेकर पलंग-दीवान तक तक मिलते हैं। बेलना-चकला भी मिल जाता है। कहने का मतलब घरेलू जरूरत की छोटी से छोटी चीजें यहां मिलती है। इसलिए काष्ठ मेला में खरीदारी को लेकर बड़ी संख्या में महिलाएं भी आती हैं। यहां खरीदारी करने पड़ोसी जिले बेगूसराय, समस्तीपुर और सहरसा के लोग भी आते हैं। फर्नीचर की क्वालिटी और कम कीमत के कारण यहां खरीदार जुटते हैं।
हाजीपुर के काष्ठ व्यवसायी माधो पंडित कहते हैं-25 वर्षों से खगड़िया काष्ठ मेला में आ रहा हूं। आज तक घाटा नहीं मिला। यहां के लोग सहयोग करते हैं। हमलोग भी क्वालिटी से कोई समझौता नहीं करते हैं। कम कीमत पर माल बेचते हैं, ताकि साधारण आदमी भी पलंग खरीद सके। उन्होंने बताया कि कभी-कभी फर्नीचर की खपत को देखकर दो-तीन महीने रुकना पड़ा है। कोट
इस वर्ष 80 काष्ठ व्यवसायियों के आने की उम्मीद हैं। 22 नवंबर से काष्ठ मेला आरंभ हो जाएगा। जो फिलहाल एक माह तक चलेगा। व्यवसायियों का आना आरंभ हो गया है।
अनिरुद्ध जलान, सदस्य, गौशाला संचालन समिति, खगड़िया।

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