पूर्णिया : गली-नाली योजना में वित्तीय अनियमितता, जांच टीम ने की 6.72 लाख रुपये वसूली की अनुशंसा

पूर्णिया। सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितता का मामला सामने आया है। क्षेत्र के सहुरिया मिलिक पंचायत में गली-नाली योजना के तहत कराए गए कार्य में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता व राशि का दुरुपयोग किया गया है। ग्रामीण की शिकायत पर की गई जांच में इसका पर्दाफाश हुआ है।

बनमनखी के एसडीओ और ग्रामीण विकास पदाधिकारी द्वारा की गई स्थलीय जांच में ये अनियमितता पकड़ी गई है। अधिकारी द्वय ने इस संबंध में जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपा है तथा संबंधित एजेंसी से 6,72,565 रुपये वसूली की अनुशंसा की है।

क्या है मामला:
सहुरिया सुभाय मिलिक पंचायत के वार्ड चार में गली-नाली योजना संख्या 4/18/19 में 1,12,700 रुपये से राजेंद्र यादव के घर तक गली में मिट्टी भराई एवं इंटरलाकिग का कार्य किया गया है। इसके अलावा 1,20,900 रुपये से ईंट सोलिग सड़क से लेकर विरेन्द्र यादव के घर तक गली में मिट्टी भराई एवं इंटरलाकिग कार्य कराया गया। इसी प्रकार योजना संख्या 5/18/19 में 1,71,200 से मुख्य सड़क से लेकर अनिल सिंह के घर तक गली में मिट्टी भराई एवं इंटरलाकिग टाइल्स कार्य कराया गया। पुन: योजना संख्या 7/18/19 में 85,500 के प्राक्कलन से पीसीसी ढलाई से लेकर सुनील सिंह के घर तक गली में मिट्टी भराई तथा इंटरलाकिग टाइल्स का कार्य कराया गया। इसी प्रकार तीन अन्य अलग-अलग योजनाओं में क्रमश: 1,55,800, रुपये, 51,600 रुपये और 3,23,100 रुपये के प्राक्कलन से कार्य करवाए गए। उक्त सभी योजनाओं में काफी अनियमितता बरती गई है।
अधिकारियों की जांच में हुआ खुलासा :
ग्रामीण की शिकायत के आलोक में बनमनखी के ग्रामीण विकास पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी की संयुक्त टीम द्वारा योजनाओं की जांच की गई। जांच में पाया गया कि योजनाओं के संचालन में सार्वजनिक हित का ध्यान नहीं रखा गया है। योजनाओं का क्रियान्वयन एवं स्वीकृति में भी अनियमितता हुई है तथा सरकारी राशि का दुरूपयोग किया गया है। जांच में पाया गया है कि योजना संख्या 7/18/19 में पूर्व से मनरेगा द्वारा संचालित योजना दीप नारायण सिंह के घर से शिव मंदिर तक मिट्टी भराई कार्य किया गया था। पुन: गली नली पक्कीकरण निश्चय योजना अंतर्गत ईंट सोलिग एवं मिट्टी भराई कार्य किया गया। लेकिन उसमें मिट्टी भराई की राशि 46,711 रूपये की कटौती नहीं की गई जो वित्तीय अनियमितता है। इन योजनाओं का क्रियान्वयन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं वार्ड सचिव के द्वारा निजी हित को ध्यान में रखते हुए कराया गया और चेक निर्गत किया गया है जो वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है। साथ ही बिना स्थलीय निरीक्षण किए प्रशासनिक स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान करनेवाले पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव, कनीय अभियंता की लापरवाही भी सामने आई है। जांच टीम ने उनके विरुद्ध अनुशासनिक एवं वैधानिक कार्रवाई की भी अनुशंसा जिला पदाधिकारी से की गई है। साथ ही जांच टीम ने 6,72,565 रुपये की वसूली भी एजेंसी से करने की अनुशंसा जिला पदाधिकारी से की है।

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