स्वच्छता रैंकिग में सुपौल ने लगातार की है प्रगति

जागरण संवाददाता, सुपौल: स्वच्छता रैंकिग में सुपौल ने लगातार प्रगति की है। सुपौल को लगातार तीसरी बार स्वच्छ सिटी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। आंकड़ों को देखते हैं तो इस वर्ष कुल छह हजार अंक में सुपौल ने 3103 अंक प्राप्त कर ईस्ट जोन में सातवां तथा बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं विगत वर्ष यानी 2020 के सर्वेक्षण में इसे 2800 अंक मिला था। जोन में 15 वां स्थान प्राप्त हुआ तथा बिहार में पहले नंबर पर रहा। वर्ष 2019 में हुए सर्वेक्षण में सुपौल जोन में 21 वें स्थान पर रहा था लेकिन बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया था।

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माननीय राष्ट्रपति देश के 342 साफ शहरों को सम्मानित किया गया जिसमें सुपौल भी शुमार था। इन शहरों को 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2021' में स्वच्छ और कचरा मुक्त होने के लिए स्टार रेटिग से सम्मानित किया गया है।
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प्रतिवर्ष किया जाता है स्वच्छ सर्वेक्षण
देश के, राज्य के, जिले के, कस्बे एवं गावों की स्वच्छता संबंधी स्थिति जानने हेतु प्रतिवर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण किया जाता है। स्वच्छ सर्वेक्षण में ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में स्वच्छता के मापदंड के अनुसार उनकी प्रगति एवं रैंकिग की जाती है। इसके अतिरिक्त इस सर्वेक्षण के बाद जिलों की रैकिग की जाती है और उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है तथा क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने शौचालयों का मूल्यांकन भी इस सर्वेक्षण के दौरान किया जाता है। इस प्रयास से एक बड़ा परिवर्तन हुआ है कि लोग अब अपने आसपास के स्थानों को सुरक्षित रखने लगे। इसके अतिरिक्त अब सामान्य जन भी स्वच्छता का महत्व समझने लगे हैं।
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जागरूकता की है जरूरत
शहर हमारा स्वच्छता की ओर अग्रसर तो है लेकिन रेटिग में हम और अधिक अंक को प्राप्त कर सकते हैं। अपना विचार देते व्यवसायी दिनेश कुमार सिंह बताते हैं कि नगर परिषद के सफाई कर्मचारी और उसका पूरा सिस्टम एक निर्धारित समय पर अपनी जगह साफ-सफाई के लिए पहुंच जाता है। लेकिन सारे लोग उस वक्त कचरा देने के लिए तैयार नहीं रहते। यानी कचरा वाली गाड़ी जब लौटकर चली जाती है तब लोग अपना कचरा घर से बाहर करते हैं और डस्टबिन आदि में डालते हैं जो नीति के विरुद्ध् है। दूसरा बिदु है कि जब शहर की सड़कों से झाड़ूकश झाड़ू देकर चला जाता है तब हम अपने घर अथवा दुकानों की सफाई कर सड़क की ओर गिरा देते हैं। यहां हमें अपनी आदतों में सुधार करने की जरूरत है।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संतोष प्रधान कहते हैं कि नगर परिषद तो मेरे साथ खड़ा है। जब तक हम जागरूक नहीं होंगे, अपने इर्द-गिर्द साफ-सफाई नहीं रखेंगे तब तक कोई अभियान सफल नहीं हो पाएगा। हम कचरा डस्टबिन में डालकर वहीं ढ़ेर कर देते हैं, सड़कों पर ही फेंक देते हैं तो परिषद अथवा सफाई कर्मी ही क्या कर पाएगा।

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