ई संबंधन पोर्टल पर निजी विद्यालय 30 तक करा लें निबंधन

- मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा के लिए आवश्यक

- अब तक एक भी विद्यालय ने नहीं कराया है निबंधन
संवाद सहयोगी, जमुई : जिले में प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों का ई संबंधन पोर्टल पर निबंधन अनिवार्य किया गया है। इसके लिए विभाग ने पूर्व निर्धारित तिथि को एक बार फिर से विस्तार दिया है। अब प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों को पोर्टल पर निबंधन के लिए 30 नवंबर तक की मोहलत दी गई है। इस तिथि तक निबंधन नहीं होने की स्थिति में संबंधित विद्यालयों की प्रस्वीकृति रद हो जाएगी।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रेषित पत्र में कहा है कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत ई-संबंधन पोर्टल पर निबंधन अनिवार्य है। पूर्व में 30 सितंबर तक निबंधन की तिथि निर्धारित की गई थी। जिसे बाद में विस्तारित किया गया। उक्त पोर्टल पर जिले के एक भी विद्यालयों का निबंधन नहीं होने की स्थिति में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक बार फिर से सभी स्वीकृति प्राप्त विद्यालयों को ताकीद किया है। यह भी बताना आवश्यक है कि प्रश्न कीर्ति प्राप्त विद्यालयों में ही मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा के तहत अभी वंचित वर्ग के बच्चों का नामांकन संभव है। इसके तहत पहली कक्षा में कुल नामांकित बच्चों की संख्या का 25 प्रतिशत नामांकन लेना अनिवार्य है।
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चार साल से स्कूलों को नहीं मिली राशि
जमुई : मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत जिले में प्रस्वीकृति प्राप्त विद्यालयों को अभिवंचित वर्ग के नामांकित बच्चों के विरुद्ध दी जाने वाली राशि चार वर्षों से लंबित है। बताया जाता है कि 2017 के बाद से उक्त मद की राशि विद्यालयों को नहीं मिली है। लिहाजा अभिवंचित वर्ग के बच्चों के नामांकन को लेकर निजी विद्यालय प्रबंधन भी उदासीन है। हालांकि उन बच्चों के नामांकन को लेकर विद्यालय प्रबंधन पहले से भी उदासीन रहा है। लेकिन प्रशासन तथा अभिभावक संघ के दबाव के आगे विद्यालयों में सीमित संख्या में ही सही, बच्चों के नामांकन का सिलसिला प्रारंभ हुआ था। इसे गति देने के लिए आवश्यक था कि ससमय राशि की भुगतान सुनिश्चित होती। शैक्षणिक वर्ष 2017-18 तक में कुल 8953 बच्चे विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत हैं जिनका शैक्षणिक शुल्क सरकार के यहां बकाया है। 2018-19 में 293 तथा 2019-20 में 584 बच्चे नामांकित हुए 2017-18 के पूर्व से अध्ययनरत 8953 तथा बाद के दो शैक्षणिक वर्षों में नामांकित बच्चों का शुल्क विभाग को देना है। हालांकि बताया जाता है कि शैक्षणिक वर्ष 2017-18 तक की कुल राशि की 30 फीसद राशि विभाग को आवंटित की गई है। भुगतान की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाएगी।

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