संवाद सूत्र, चौथम (खगड़िया): चौथम के लोगों की आजीविका का मुख्य साधन खेती और पशुपालन है। अभी रबी फसल की बुआई का समय है। किसानों ने मक्का और गेहूं की बुआई शुरू कर दी है। लेकिन प्रखंड के अधिकांश खाद दुकानों पर खाद नजर ही नहीं आ रहा है। बड़े-बड़े किसान तो जिला मुख्यालय से जुगाड़ कर खाद लेकर खेतों में बुआई कर रहे हैं। लेकिन सीमांत और छोटे किसानों के लिए उर्वरक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। प्रखंड के अधिकांश खाद दुकानों में डीएपी व यूरिया सहित अन्य खाद किसानों को उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि ऊपर से ही बड़े दुकानदारों द्वारा खाद कम मात्रा में दिए जा रहे हैं। संबंधित खाद की डिमांड करने पर उसके साथ विभिन्न कंपनियों की बीज व अन्य खाद जबरदस्ती थोपा जा रहा है। नहीं लेने पर बड़े दुकानदारों द्वारा उर्वरक की सप्लाई बंद करने की धमकी दी जाती है। जिस कारण खाद की समस्या आ खड़ी हुई है। लालपुर निवासी किसान व पूर्व मुखिया चंद्रशेखर सिंह, भरपुरा निवासी डब्लू सिंह, मालपा निवासी सुधाकर सिंह, सरैया के संजीव सिंह आदि ने बताया कि डीएपी के बदले एनपीके के साथ जिक व अन्य बीज भी देने की बात दुकानदारों द्वारा कही जा रही है। समय पर उर्वरक उपलब्ध नहीं होने के कारण रबी फसल की बुआई पर सीधा असर हो रहा है। कई किसानों द्वारा खेतों की जुताई की जा चुकी है। लेकिन खाद के अभाव में बुआई नहीं कर पा रहे हैं। जबकि पिछले वर्ष किसानों को किसी भी प्रकार के खाद की समस्या नहीं थी। डीएपी उपलब्ध नहीं होने से खेतों की उर्वरा शक्ति पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। किसानों का कहना है कि विभाग द्वारा डीएपी के बदले एनपीके का उपयोग करने को कहा जा रहा है। ऐसे में किसान दुविधा में पड़े हुए हैं। सीपीआइ के जिलामंत्री प्रभाकर प्रसाद सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण खाद की समस्या उत्पन्न हुई है। बड़े-बड़े खाद कारोबारियों द्वारा ऐसी स्थिति उत्पन्न की गई है। ताकि ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सके। उन्होंने डीएम का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है।
========
राजधाम स्थित इफको ई- बाजार में सभी प्रकार के उर्वरक उपलब्ध हैं। किसान वहां से उर्वरक का क्रय कर सकते हैं। पूरे देश में डीएपी की कमी है। जिस कारण किसानों को एनपीके का उपयोग करने को कहा गया है। एनपीके से खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। अगर दुकानदारों द्वारा किसानों को परेशान करने के मामले आते हैं, तो किसान अपनी समस्या रख सकते हैं। संबंधित दुकानदार पर सीधे कार्रवाई की जाएगी।
शैलेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, खगड़िया।