जिले में अबतक मिले हैं 1064 आचआइवी संक्रमित मरीज



जागरण संवाददाता, अररिया :
जिले में जागरूकता व सावधानी से आचआइवी संक्रमितों में कमी आई है। लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा
रहा है। यह बातें सीएस डा. एमपी गुप्ता ने मंगलवार को कही। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में एचआइवी संक्रमित रोगियों की जांच व उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था है। जिसका लाभ यहां के लोगों को मिल रहा है। इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए लोगों के बीच जागरूकता जरूरी है। पिछले कुछ सालों में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में कमी आई है। असुरक्षित यौन संबंध से फैलता संक्रमण सीएस ने बताया कि एचआइबी संक्रामक मानव शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है। असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित व्यक्ति के प्रयोग में लाये गए सुई का उपयोग, संक्रमित का खून चढ़ाने व संक्रमित माता पिता से उनके संतान में रोग का प्रसार होता है। एचआईवी का समुचित इलाज नहीं है। जागरूकता ही संक्रमण से बचाव का एक मात्र विकल्प है। 25 से 39 उम्र के युवा अधिक संक्रमित वर्ष 2003 से लेकर अब तक जिले में एचआईवी संक्रमण के कुल 1064 मामले सामने आये हैं। संक्रमण की चपेट में आने वाले एक ट्रांसजेंडर समूह के लोग भी शामिल हैं। इसमें सबसे अधिक 25 से 29 वर्ष के युवा अधिक संक्रमित हुए हैं। जिले में जो संक्रमण के मामले सामने आये हैं उसमें जीरो से 14 साल के 108, 15 से 24 साल आयु वर्ग के 140, 25 से 34 साल आयु वर्ग के सबसे अधिक 404, 35 से 49 साल आयु वर्ग के 351 तथा 50 साल से अधिक आयु वर्ग के 60 लोगों में संक्रमण का मामला सामने आया है। - 44 नए मामले आए सामने चालू वर्ष अक्टूबर माह तक जिले में एचआईवी संक्रमण के 44 नये मामले सामने आये हैं। डीपीएम एड्स ने बताया कुछ वर्षाें से जिले में एचआइवी के मामलों में कमी आइ है। इस साल 67156 लोगों की जांच कराई गई, जिसमें 44 लोग एचआइवी पाजिटिव मिले हैं। वर्ष 2020 में 81377 लोगों की जांच हुई थी, जिसमें संक्रमितों की संख्या 77 थी। वर्ष 2019 में 95954 लोगों की जांच में 103 मामले सामने आए। 1097 हेल्पलाइन की है व्यवस्था एचआईवी से संबंधित जानकारी के लिए बिहार राज्य एड्स नियंत्रित समिति ने 1097 हेल्पलाइन नंबर संचालित किया है। जिसके माध्यम संक्रमण से बचाव, जांच व इलाज की जानकारी दी जाती है। मोबाइल एप के जरिए भी रोगियों को कल्याणकारी योजनाओं सहित अन्य जानकारी दी जाती है। पीड़ितों को 1500 रुपये प्रति माह व परवरिश योजना के तहत जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम जीरो से 18 साल तक के बच्चों को एक हजार रुपये प्रति माह आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। - सामान्य जीवन यापन करने में सक्षम सीएस ने कहा कि एचआईवी को लेकर समाज में कई भ्रांतियां फैली हुई है। एचआईवी संक्रमितों के साथ खाने पीने, एक ही शौचालय के उपयोग, किसी जानवर, मक्खी या मच्छर के काटने खांसने व छींकने से एड्स नहीं नहीं फैलता है। संक्रमित होने के बावजूद व्यक्ति समाज में सामान्य जीवन यापन कर सकता है। उनके साथ किसी तरह का भेद भाव कानूनी अपराध है। एड्स के सामान्य लक्षण चिकित्सक ने कहा कि लगातार बुखार व खांसी रहना, वजन का तेजी से गिरावट, मुंह में घाव निकल आना, त्वचा पर खुजली वाले चकते उभरना, सिरदर्द, थकान, भूख नहीं लगना रोग के सामान्य लक्षण हैं।

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