प्रत्येक सोमवार को बीईओ बीआरसी में शिक्षकों की समस्या करेंगे दूर

- डीईओ जारी किया आदेश, जिलास्तर पर डीईओ भी लगाएंगे जनता दरबार

- जनप्रतिनिधियों के समक्ष समस्या रखने वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
- अररिया सांसद ने डीईओ के खिलाफ प्रधान सचिव को भेजा था पत्र
जागरण संवाददाता, अररिया : अब हर सप्ताह सोमवार को बीईओ 11 बजे से एक बजे तक अपने कार्यालय में शिक्षकों व बीआरपी की समस्याओं को सुनेंगे और समस्याओं को दूर कराएंगे। जो समस्या जटिल होगी और जिला स्तर पर निष्पादन के योग्य होगा, उसे जिला स्तर पर निपटाया जाएगा। प्रत्येक सप्ताह की सुनवाई के प्रतिवेदन बीईओ डीपीओ व डीईओ को उपलब्ध कराएंगे। डीईओ राज कुमार ने सभी बीईओ को पत्र निर्गत कर आदेश पर अमल करने निर्देश दिया है।

जनप्रतिनिधियों के समक्ष रखने पर कार्रवाई :
डीईओ आदेश दिया है कि जिन शिक्षकों को कोई परेशानी हो तो वह शिक्षा विभाग के अधिकारी को बताएं। यहां उनकी शिकायतों का निपटारा किया जाएगा। विभागीय अधिकारी को समक्ष समस्याएं रखे बगैर सांसद, विधायक आदि को पास समस्याएं रखेंगे तो ऐसे शिक्षकों विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। डीईओ ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि कुछ शिक्षक सीधे जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपनी समस्या रखते हैं। इससे विभाग की छवि पर असर पड़ता है। कहा कि शिक्षकों, लिपिक, शिक्षकेत्तरकर्मी आदि को प्रखंड स्तर पर बीईओ, जिला स्तर पर डीपीओ, डीईओ व अंत में डीएम के समक्ष अपनी समस्याएं रखनी चाहिए। प्रत्येक सप्ताह जिला स्तर पर डीएम, डीईओ के स्तर जनता दरबार का आयोजन होता है। अब प्रखंड स्तर पर बीईओ भी शिक्षकों व बीआरपी की समस्या को सुनकर हल करवाएंगे।
सांसद ने डीईओ पर लगाया था संगीन आरोप :
अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने सितंबर माह में अररिया डीईओ के विरुद्ध में तीन पन्ने का प्रतिवेदन शिक्षा मंत्री, विभाग के प्रधान सचिव व आरडीडीई को भेजा था। जिसमें डीईओ पर कई संगीन आरोप लगाया गया। भेजे गए प्रतिवेदन में सांसद ने कहा कि डीईओ राजकुमार कार्यकाल में शिक्षा विभाग की काफी बदनामी हुई है। कई बड़ी गलितयां व गड़बड़ी हुई पर डीईओ ने संबंधित शिक्षक व विभागीय अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की। कहा कि जोकीहाट प्रखंड के मध्य विद्यालय भेभड़ा दुर्गापुर के दीवार को तोड़कर स्कूल की जमीन की अतिक्रमण की गई। इस मामले में बीईओ व सीओ के प्रतिवेदन में भी अतिक्रमण की पुष्टि हुई, परंतु डीईओ ने कोई कार्रवाई नहीं की। मुस्ताक आलम पिछले दस साल से बीआरपी के पद पर कार्यरत था। भ्रष्टाचार के शिकायत पर उसे बीआरपी के पद पर हटाया गया लेकिन दो माह के बाद फिर उसे बीआरपी के पद पर बहाल कर दिया गया। 28 अगस्त को सिमरबनी उच्च विद्यालय में शिक्षक गायब पाए गए थे, बावजूद आरोपित शिक्षक पर कार्रवाई नहीं हुई। जोकीहाट के शिक्षक माजुद्दीन का विधान सभा चुनाव में पैसा बांटने का वीडियो वायरल हुआ था, उसके विरुद्ध थाना में केस दर्ज है। बावजूद शिक्षक के विरुद्ध विभागीय स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावे सिलसिलेवार तरीके से सांसद ने डीईओ पर अन्य कई संगीन आरोप लगाते हुए विभाग को पत्र भेजा था।

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