आधी से कम दिखी विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति

संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया): सरकारी स्तर पर बेहतर शिक्षा व्यवस्था को लेकर भले ही लाख प्रयास किया जा रहा हो, परंतु जमीनी हकीकत कुछ और है। जिसका उदाहरण बेलदोर प्रखंड में देखा जा सकता है। शिक्षा व्यवस्था का हाल जानने को लेकर बुधवार को जागरण की टीम स्थानीय विधायक पन्नालाल सिंह पटेल के गांव पनसलवा स्थित आदर्श मध्य विद्यालय पनसलवा पहुंची। जिसमें कई तरह की खामियां उजागर हुई। नौ बजे विद्यालय खुल चुका था। अंदर जाने पर कार्यालय कक्ष में एक शिक्षक पंजी पर अपनी उपस्थिति दर्ज करते दिखे। पूछने पर उन्होंने अपना नाम बेच नारायण ठाकुर बताया। इस दौरान करीब 50 बच्चे विद्यालय परिसर में खेलकूद करते दिखे। विद्यार्थियों के पहुंचने का सिलसिला जारी था। टीम विद्यालय का मुआयना करने के साथ अन्य शिक्षकों के आने का इंतजार कर रही थी। इस दौरान 9:30 बजे एक शिक्षिका गौरी कुमारी विद्यालय पहुंची और कार्यालय में जाकर उपस्थिति दर्ज की। थोड़ी देर बाद 9:41 बजे शिक्षिका किरण कुमारी, सरिता कुमारी एवं हीरा कुमारी विद्यालय पहुंची और कार्यालय कक्ष गई। तब तक विद्यालय के प्रधानाध्यापक नहीं पहुंचे थे। 9:52 बजे प्रधानाध्यापक संजय सिंह विद्यालय पहुंचे। इस बीच प्रार्थना के लिए सभी बच्चे तैयार हो चुके थे। प्रार्थना के बाद 10:00 बजे विद्यालय के बच्चे अपने-अपने वर्ग कक्ष में चले गए। प्रधानाध्यापक पंजी में उपस्थिति दर्ज करने के बाद दूसरी मंजिल पर आठवीं के वर्ग कक्ष में चले गए। इस दौरान एचएम ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्यालय में कुल 10 शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि चार शिक्षक विद्यालय नहीं आए हैं। कहा कि शिक्षक अंकित कुमार चुनाव कार्य में गए हुए हैं। जबकि मणिकांत सिंह व सरोज भारती अवकाश पर हैं और एक शिक्षक बलीचंद्र वोट गिराने बेगूसराय गए हुए हैं। पूरे विद्यालय में करीब 285 छात्र-छात्रा उपस्थित थे। जबकि विद्यालय में आठ सौ छात्र-छात्रा नामांकित हैं। मतलब यहां आधी से भी कम उपस्थिति बच्चों की थी। 11 बजे बच्चों की हाजिरी ली जा रही थी। दूसरी कक्षा से निकल कर एक शिक्षिका पहली कक्षा में पहुंचकर बच्चों की उपस्थिति बनाने पहुंची। यहां बच्चे फर्श पर बैठे दिखे। पठन-पाठन का हाल बुरा दिखा।

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कहने को आदर्श विद्यालय, व्यवस्था बदहाल
मध्य विद्यालय पनसलवा को आदर्श विद्यालय का दर्जा प्राप्त है। परंतु, यहां की बदतर व्यवस्था विभागीय दावों की पोल खोलती नजर आती है। विद्यालय में कई वर्षों से रंग-रोगन नहीं किया गया है। जबकि रंग-रोगन को लेकर विद्यालय को प्रत्येक वर्ष 70 हजार रुपये दिए जाते हैं। विद्यालय के फर्श का प्लास्टर जगह-जगह टूटा हुआ है। जबकि ब्लैक बोर्ड अपने बदहाली को बयां कर रहा था। विद्यालय में कहने को चार चापाकल हैं, लेकिन तीन खराब पड़े हैं। शौचालय में गंदगी का अंबार लगा दिखा। भवन की भी कमी दिखी।
चावल वितरण में धांधली की मिली शिकायत
विद्यालय के सातवीं कक्षा के छात्र रंजीत सिंह, सौरव कुमार, शिवेश ने बताया कि उन्हें एमडीएम के चावल वितरण में मात्र आठ किलोग्राम चावल मिला। जबकि 10 किलोग्राम 500 ग्राम चावल वितरण किया जाना था।
विद्यार्थियों को राष्ट्रपति और सांसद का नाम नहीं पता
बात विद्यालय की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की करें, तो बच्चों का ज्ञान काफी कमजोर दिखा। जायजा के दौरान जब वर्ग छह के सुमन भारती से राष्ट्रपति का नाम पूछा गया, तो वह नहीं बता पाई। दिलखुश कुमारी से अपने सांसद का नाम पूछा गया, तो मालूम नहीं जवाब मिला। गौरी कुमारी ने कोसी एवं बागमती नदी का संगम स्थल कुरसेला बताया। जबकि कोसी-बागमती का संगम खगड़िया के सोनवर्षा के आसपास होता है।
जांच की जाएगी : बीईओ
जायजा के बाद सारी स्थिति से बेलदौर बीईओ अजय कुमार दूबे को अवगत कराया गया। उनका कहना हुआ कि विद्यालय से तीन शिक्षक अनुपस्थित थे, इसकी वे जांच करेंगे। बच्चों ने एमडीएम चावल कम दिए जाने की बात कही है, तो इसकी भी जांच होगी। रंग-रोगन की राशि उपलब्ध करवाने के बाद भी रंग-रोगन क्यों नहीं हुआ, इसकी भी जानकारी ली जाएगी।

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