सुरसर नदी से हो रहे कटाव की सीओ ने की स्थलीय जांच

संवाद सूत्र, छातापुर (सुपौल)। प्रखंड के झखाड़गढ पंचायत में प्रवाहित सुरसर नदी द्वारा लगातार कटाव जारी है । पंचायत के वार्ड संख्या 8 के ग्रामीणों द्वारा अंचलाधिकारी छातापुर को शिकायत पर मंगलवार को अंचलाधिकारी छातापुर उपेंद्र कुमार ने कटाव स्थल का जायजा लिया। पंचायत के वार्ड संख्या 8 में प्रवाहित सुरसर नदी से पश्चिमी भाग में हो रहे कटाव की स्थिति को देखकर वहां के ग्रामीणों से जानकारी ली । उसके बाद अंचलाधिकारी द्वारा स्थितिगत प्रतिवेदन जल निस्सरण विभाग एवं बाढ व कटाव निरोधक संभाग को भेजने का आश्वासन दिया । ताकि विभागीय स्तर से आवश्यक कार्यवाही की जा सके। कटाव से प्रभावित ग्रामीण भवेश कुमार सिंह, सचींद्र सिंह, देवीलाल सिंह, रामाशीष सिंह, श्रवण सिंह, देवनारायण सिंह, पूनम सिंह, कपुरी देवी, गीता देवी, गिरजा देवी, मीना देवी, संझा देवी आदि ने बताया कि वर्ष 2008 में आये कुसहा त्रासदी के बाद से ही नदी में कटाव की समस्या भीषण बनी है जो लगातार जारी है । कटाव को रोकने का एकमात्र विकल्प नदी के बीचोंबीच चिरान कर जल-प्रवाह को मध्य में ले जाना है, कटाव के कारण करीब 50 बीघा निजी जमीन नदी के आगोश में चला गया । कई घर व हरे भरे वृक्ष धराशायी हो गए हैं, इस स्थल पर जल्द ही ठोस उपाय नहीं किये गये तो बस्ती के अधिकांश घर नदी में विलिन हो जायेंगे। बताया कि सांसद विधायक से लेकर विभाग के मुख्य प्रबंधक व कार्यपालक अभियंता को लिखित व मौखिक रूप से कई बार गुहार लगाई गई लेकिन इस दिशा में आवश्यक पहल नहीं हो पाई है। गतवर्ष अगस्त माह में आठ लाख की लागत से कटाव निरोधक कार्य के तहत पाइलिग कार्य किया गया । लेकिन प्राक्कलन के विरुद्ध घटिया कार्य किया गया। जिसका नतीजा हुआ कि मात्र 10 दिनों में ही कटाव निरोधक कार्य बेकार हो गया व कार्य के दौरान विभाग से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक को शिकायत की गई। लेकिन किन्हीं के द्वारा भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया । ग्रामीणों ने इस समस्या से स्थाई निदान के लिए नदी के बीचोंबीच चिरान करवाने की गुहार लगाई है। ताकि शेष बचे उनलोगों के घर व उपजाउ जमीन को बचाया जा सके।


इस संदर्भ में पूछने पर अंचलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर स्थलीय जांच की गई है, जांच प्रतिवेदन जल निस्सरण विभाग को भेजा जा रहा है । ताकि जल्द से जल्द कटाव को रोका जा सके ।

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