दो जिलों को जोड़ने वाली गेरिया घाट पर नाव ही एक मात्र सहारा

संस, डगरूआ (पूर्णिया)। दो जिलों को जोड़ने वाली सड़क के मध्य गेरिया घाट पर पुल नहीं रहने से क्षेत्रीय लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। वर्तमान में भी क्षेत्रीय लोगो के लिए नाव ही एक मात्र सहारा बना हुआ है । मालूम हो कि बभनी पंचायत अन्तर्गत पड़ने वाला गेरिया घाट पूर्णिया और कटिहार जिला को जोड़ती है। इस होकर चौनी, रतनी, निखरा, धुरिया, परवेली, गोपीनगर, रूपेली, बभनी ,चानपुर सहित कई गांव का आवागमन का मुख्य मार्ग है। घाट से सटे मध्य विद्यालय रूपेली अवस्थित है। जहां बाढ़ के समय गेरिया घाट पर अधिक पानी रहने से गेरिया टोला के छात्रों को विद्यालय आने में और लोगों को मुख्य मार्ग तक आने में काफी कठिनाई होती है बाढ़ के समय छात्रों और क्षेत्रीय लोगों के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है। छात्र- छात्रा खतरा मोल लेकर विद्यालय आते और जाते है। पूर्व सीआरसीसी सह विद्यालय शिक्षक मुरली धर दास ने बताया कि बाढ़ के समय छात्रों का नाव से आना जाना खतरा बना रहता है। बाढ़ के समय अभिभावक को सूचित कर दिया जाता है कि अपनी निगरानी में छात्रों को घाट पार कराये। विद्यालय से जाते वक्त छात्रों को शिक्षक अपनी निगरानी में नाव पार करवाते है। वर्तमान में भी घाट पर पानी रहने से नाव ही एक मात्र सहारा बना हुआ है। जिससे लोग खतरा मोल लेकर घाट पार करते है। वहीं नवनिर्वाचित पंचायत मुखिया हीरा लाल दास ने बताया कि पुल निर्माण की मांग वर्षों से सांसद और विधायक से किया जाता है। सबने सिर्फ आश्वासन देने का काम किया गया, लेकिन आजतक पुल निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं किये जाने से समस्या जस की तस बनी हुई है। जबकि पुल के दोनों ओर पक्की सड़क बना हुआ है। पुल के अभाव में बाढ़ के समय सड़क का औचित्य समाप्त हो जाता है क्योंकि इस होकर कोई वाहन नहीं जा पाता है।


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