अतिक्रमित बस पड़ाव से बढ़ रही है यात्रियों की परेशानी

संवाद सूत्र, छातापुर (सुपौल) : छातापुर का अतिक्रमित बस पड़ाव यात्रियों की परेशानी बढ़ा रहा है। इस बस पड़ाव से सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रुपये के राजस्व की उगाही होती है, परंतु यात्री सुविधा के नाम पर मुसाफिरों को कोई भी सहूलियत नहीं मिल पाती। जिला परिषद मद से लाखों रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ यात्री प्रतीक्षालय भी अतिक्रमण की चपेट में है। यात्री प्रतीक्षालय के रास्ते को चाय-नाश्ता वाले दुकानदारों ने पूरी तरह अवरुद्ध कर रखा है। वहीं बस पड़ाव के किनारे भी अतिक्रमण की वजह से जहां-तहां वाहनों का ठहराव होता है। प्रतिदिन इस रूट से लगभग एक सौ से अधिक यात्री बसों का परिचालन होता है जिससे हजारों यात्री यात्रा करते हैं। दर्जनों अंतरराज्यीय बसें भी यहां से परिचालित होती हैं परंतु यात्री प्रतीक्षालय होने के बावजूद यहां आने वाले मुसाफिरों को पेड़ों के नीचे या सड़क पर खड़े-खड़े इंतजार करना पड़ता है। जगह के अभाव में यात्री वाहनों एवं आटो के अव्यवस्थित ढंग से पार्क किए जाने की वजह से यातायात तो बाधित होता ही है यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बस स्टैंड पर अतिक्रमण चहुंओर बढ़ता ही जा रहा है। ठेले और खोमचेवाले भी अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। आलम यह है कि बसों के ठहराव व परिचालन के लिए बने स्टैंड ने बाजार का रूप ले लिया है। बस स्टैंड में दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है जिससे यात्रियों के लिए जगह सीमित हो गई है। बस संचालकों का कहना है कि जगह नहीं मिलने पर बसें आड़ी-तिरछी या जहां जगह मिली वही खड़ी करना विवशता है। मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को हाट के दिन अच्छी खासी तादाद में आटो चालकों द्वारा जगह-जगह गाड़ी खड़ी कर जाम की समस्या उत्पन्न कर दी जाती है जिससे लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।

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