सीमा क्षेत्र में पशु अपहरण एवं चोरी फिर परवान पर

संसू, फुलकाहा, अररिया : भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र से सटे फुलकाहा थाना क्षेत्र में मवेशी चोरी, अपहरण एवं फिरौती का खेल अब फिर शुरू हो गया है। पिछले दो महीने के दौरान क्षेत्र के दर्जनों भैंसों को

नेपाल में प्रवेश करा दिया गया है। पुलिसिया कार्रवाई की जटिल प्रक्रिया के साथ ही पुलिस की उदासीनता के कारण पशुपालक अपने स्तर से ही पशुओं को खोजने की कवायद करते हैं। कई पशु नेपाल से बरामद भी किए गए हैं। कई बार पशुओं का अपहरण भी होता है। इसके लिए पशुपालकों को पांच से 20 हजार रुपये तक की फिरौती भी देनी पड़ी है। मवेशी अपहरण करने के बाद पशुपालक से बीच के बिचौलिए फिरौती की रकम तय कर रुपये लेने के बाद उसे सौंपते हैं। इसी तरह चोरी की घटना भी सीमा क्षेत्र में खूब होती है। रात के अंधेरे में घर के आगे से पशुओं को खोल कर पिकअप लोड कर भाग जाते हैं। इन चोरी व अपहरण से पूर्व गिरोह के लोग गांव में रेकी करते हैं। बाद इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं। इस तरह की अपहरण व चोरी की घटना को अंजाम देने वालों में अररिया, सुपौल के साथ साथ कुछ नेपाली लोग शामिल रहते हैं।
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केस स्डटी
नवंबर माह में फुलकाहा थाना क्षेत्र की मानिकपुर पंचायत के भवानीपुर वार्ड संख्या तीन निवासी मु. शमशाद के चार मवेशियों का चरने के दौरान अपहरण कर लिया गया था।। पड़ोसी देश नेपाल में 20 हजार रुपये की फिरौती देकर इन पशुओं को छुड़ाया गया।
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केस स्टडी अंचरा पंचायत के लक्ष्मीपुर गांव के आनंदी ठाकुर की सितंबर में तीन भैंस चोरी हुई थी उन्होंने भैंस को नेपाल में तीस हजार चुकाकर वापस लाना पड़ा है। सात दिसंबर की रात मवेशी चोरी करने पहुंचे गिरोह के सदस्य को फुलकाहा थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव में ग्रामीणों ने पीट पीट कर मार दिया। कोट
मवेशी की चोरी होती है, लेकिन अपहरण का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि कोई ग्रामीण इसकी शिकायत दर्ज कराता है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। नगीना कुमार, फुलकाहा थानाध्यक्ष।

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