सदर अस्पताल में खून मत ढूंढिए, दाता ढूंढ़ कर लाइए

-मधेपुरा ब्लड बैंक के भरोसे है सदर अस्पताल का ब्लड स्टोरेज

-सदर अस्पताल का दर्जा मिलते ही बनना शुरू हुआ था ब्लड बैंक -----------------------
ब्लड बैंक स्थापना की प्रक्रिया चल रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति से लगातार संपर्क साधा जा रहा है, जल्द ही इसे मूर्त रूप दे दिया जाएगा। डा. इंद्रजीत प्रसाद
सिविल सर्जन -------------------------------------------
जागरण संवाददाता, सुपौल : सदर अस्पताल में अगर खून की आश्यकता पड़ जाए तो यहां खून मत ढूंढि़ए बल्कि दाता ढूंढ़ कर लाइए। यहां ब्लड बैंक की स्थापना नहीं होना पूर्ण रूप से सरकारी व्यवस्था का परिचायक है। सदर अस्पताल में जो ब्लड स्टोरेज की व्यवस्था है वह एक स्वयंसेवी संस्था के जिम्मे है यह मधेपुरा ब्लड बैंक के भरोसे रहता है। ऐसे कहा जाए तो ब्लड उपलब्ध कराने की बजाय ब्लड ट्रांसफ्यूजन की भूमिका यह अधिक निभाया करता है। यानी दाता ढूंढ़ लीजिए तो फिर ये मददगार साबित होंगे। ---------------------------

तोड़ना पड़ा ब्लड बैंक का भवन जब अस्पताल को सदर अस्पताल का दर्जा भी नहीं मिला था उस वक्त ही अस्पताल परिसर में ब्लड बैंक के लिए एक भवन बनाया गया, मशीनें आई, ब्लड बैंक शुरू भी नहीं हो सका कि अस्पताल का दर्जा बढ़ने लगा, नए-नए भवन बनने लगे और वह ब्लड बैंक वाला भवन भी तोड़ना पड़ गया। बात आई गई हो गई। अस्पताल एक बड़ी संरचना लेकर सदर अस्पताल के रूप में व्यवस्थित हुआ लेकिन खून की कमी ही रह गई। परेशानी होने पर ब्लड स्टोरेज की व्यवस्था मात्र की गई। ऐसा नहीं कि ब्लड बैंक के लिए प्रयास नहीं किए जा रहे। प्रयास तो हो ही रहे हैं लेकिन सरकार के अपने सिस्टम से। सरकार के स्तर से स्वीकृति मिल चुकी है। अब टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। लगभग डेढ़ साल से टेंडर प्रक्रियाधीन है। रक्त की आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमंदों को रक्तदाताओं को खोजना पड़ता है। यहां युवाओं की एक टोली रक्तदान की मुहिम चला रहा है। ये लोग फोन काल पर रक्त उपलब्ध कराते हैं।
----------------------------------- कोसी रक्तवीर सेवा संगठन करता है रक्तदान
जिले में लगातार हो रही खून की कमी और खून के बिना लोगों को सीरियस होता देख शहर के युवाओं ने लोलप ठाकुर की अगुवाई में वजाप्ता एक संगठन बना रखा है। कोसी रक्तवीर सेवा संगठन के बैनर तले दर्जनों युवा रक्तदान किया करते हैं। जिले में जहां से भी कोई जरूरतमंद इस संगठन तक मैसेज पहुंचा देते हैं उन्हें उस ग्रुप का ब्लड इन युवाओं द्वारा उपलब्ध करा दिया जाता है। अब तो ये युवा पड़ोसी जिलों तक अपनी सेवा पहुंचा रहे हैं।

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