कोरोना के साया से राजनीतिक गतिविधियों पर लगा रहा ब्रेक

सीतामढ़ी। वर्ष 2021 में कोरोना का साया इस कदर छाया रहा कि राजनीतिक गतिविधियों पर भी ब्रेक लग गया। विधायक से लेकर सांसद तक के फंड कोरोना की भेंट चढ़ गए। इसके कारण शहर से लेकर गांव तक होने वाले विकास कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। बिहार में विधान सभा चुनाव के बाद एनडीए की सरकार बनी लेकिन, जिले से एनडीए का एक भी विधायक को मंत्री परिषद में स्थान नहीं पा सका। इसका मलाल जिलेवासियों को है। जदयू के कोटे से एकमात्र विधान पार्षद देवेशचंद्र ठाकुर विधान परिषद में उप नेता का पद पाने में सफल हो सके। विपक्षी दलों में कांग्रेस का 2021 में सबसे बुरा हाल रहा। 2020 विधान सभा चुनाव के समय विमल शुक्ला के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने व पार्टी छोड़ने के बाद से रिक्त पद पर 2021 में भी पार्टी शीर्ष ने किसी को प्रभारी जिलाध्यक्ष भी नहीं बना सका। कांग्रेस, राजद व वाम दल सहित अन्य विपक्षी दल लंबे अर्से तक किसान आंदोलन के समर्थन में संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के साथ मिलकर अपनी गतिविधि बनाए रखी। वही, कांग्रेस के नेतागण युवा कांग्रेस के साथ मिलकर बढ़ती महंगाई, पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि को लेकर आंदोलनरत रहे। इधर, भाजपा महापुरुषों की जयंती और पुण्य तिथि कार्यक्रमों के माध्यम से संगठन को गतिमान बनाए रखने में सफल रही। पार्टी की ओर से तीन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग आयोजित कर कार्यकर्ताओं को अनुशासन,समर्पण व राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाया गया। लोजपा रामविलास गुट के सुप्रीमो व सांसद चिराग पासवान एक दिवसीय दौरे पर सीतामढ़ी आए और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का काम किया।


पंचायत चुनाव में 80 फीसद से अधिक आए नए चेहरे
पंचायत चुनाव को लेकर जिले में राजनीतिक गतिविधियां तेज रही। सभी राजनीतिक दलों द्वारा अघोषित रूप से अपने-अपने कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव में उतारा गया था। इसका असर चुनाव परिणाम में देखने को मिला। चुनाव में मुखिया व जिला परिषद पद पर 80 फीसद नए चेहरे जीत कर आए। सरपंच, पंचायत समिति सदस्य व वार्ड सदस्य पद पर भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति रही।
भाजपा ने खोया पूर्व विधायक गौरीशंकर नागदंश को
2021 में भाजपा के पूर्व विधायक गौरीशकर नागदंश के निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई। बैरगनिया निवासी स्व. गौरीशकर नागदंश मेजरगंज सुरक्षित विधान सभा क्षेत्र के विधायक थे।

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