दो हजार एमटी खाद की आवश्यकता पर 900 एमटी ही उपलब्ध

जागरण संवाददाता। पूर्णिया:जिले में अभी भी खाद की किल्लत का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। आवश्यकता से काफी कम खाद यहां उपलब्ध है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया है कि जिले में रबी सीजन के लिए दो हजार मीट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता है लेकिन यहां सिर्फ 900 एमटी खाद ही आ पाया है।

समाहरणालय सभा कक्ष में सोमवार को आयोजित जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक में उक्त जानकारी डीएओ प्रशांत मिश्र ने दी। बैठक की अध्यक्षता प्रभारी डीएम सह अपर समाहर्ता केडी प्रोज्जवल ने की। उर्वरक की कमी पर चर्चा करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि विभाग को खाद की कमी की जानकारी दी गई है। सबसे अधिक किल्लत डीएपी खाद की है। हालांकि डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक का उपयोग करने की सलाह किसानों को दी गई है। बताया कि जल्द ही पर्याप्त मात्रा में उर्वरक मिलने की उम्मीद है। अभी जितना खाद मौजूद है उसे किसानों के बीच समान रूप से वितरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रबी के सीजन में अब तक 83 फीसद विभिन्न फसलों का आच्छादन किया गया है। वहीं बीज आच्छादन में लापरवाही के कारण बायसी एवं अमौर के प्रखंड कृषि पदाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की गई। प्रभारी जिलाधिकारी ने खाद की किल्लत के बीच हो रही खाद की कालाबाजार पर रोक लगाने का निर्देश अधिकारियों को दिया। कहा कि किसानों को उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराएं। जानकारी देते हुए डीएओ ने बताया कि जिले में 997 दुकाने हैं जिसकी लगातार मानीटरिग की जा रही है। कालाबाजारी रोकने के लिए 24 दुकानों पर छापामारी की गई है जिसमें 19 मामलों में अनियमितता पाई गयी जिसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उनमें 16 खाद दुकानदारों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। बैठक में अपर समाहर्ता ने मिट्टी जांच में तेजी लाने का भी निर्देश दिया। बताया कि किसान सलाहकार द्वारा प्रत्येक गंव से पांच-पांच सैम्पल मिट्टी जंच के लिए लैब में लाना है। एडीएम ने इसे लक्ष्य के अनुसार कार्य संपन्न कराने का निर्देश दिया। उन्होंने केसीसी लोन भी इच्छुक किसानों को देने का निर्देश दिया। बताया गया कि 22 फरवरी 2022 से किसानों को केसीसे लोन देना है। अपर समाहर्ता ने रूपौली एवं भवानीपुर प्रखंड में बाढ़ प्रभावित लोगों को अब तक मुआवजा नहीं मिलने पर चिता जताई तथा सभी पीड़ितों को
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जल्द लाभ देने का निर्देश दिया। कहा केसीसी लाभ के लिए किसानों से जल्द आवेदन कलेक्ट करें ताकि उसे समय पर बैंकों को भेजा जा सके। प्रभारी जिला पदाधिकारी ने बताया कि 2016 से फसल सहायता योजना लागू की गयी है। उसका लाभ किसानों को देना सुनिश्चित कराएं। कहा कि 2018 से आनलाईन कृषि एग्री एप से कार्य कर रहे हैं। बैठक में अपर समाहर्ता ने कृषि योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाने का निर्देश दिया। इस अवसर पर जिला सांख्यकी पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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