अधिकारियों को 15 फरवरी तक अपनी चल-अचल संपत्ति का देना होगा ब्योरा

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी अधिकारियों को 15 फरवरी तक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा सरकार को उपलब्ध कराना होगा। इस संबंध में सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्र जारी किया है। पत्र में यह स्पष्ट कर दिया गया है की संपत्ति का ब्यौरा देने के बाद ही उनका फरवरी माह का वेतन रिलीज किया जाएगा। 31 दिसंबर के आधार पर देना होगा ब्यौरा

विभागीय सूत्रों के अनुसार समूह क, ख एवं ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 15 फरवरी तक अपनी चल-अचल संपत्ति एवं दायित्वों का ब्यौरा जमा करने का निर्देश दिया गया है। कट ऑफ डेट 31 दिसंबर 2021 के आधार पर चल-अचल संपत्ति एवं दायित्वों की विवरणी देना अनिवार्य किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 15 फरवरी तक चल-अचल संपत्ति एवं दायित्वों का ब्यौरा जमा नहीं करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों का मासिक वेतन का भुगतान अवरुद्ध रहेगा। चल-अचल संपत्ति एवं दायित्वों का ब्यौरा जमा करने के लिए निर्धारित फार्मेट सामान्य प्रशासन विभाग के वेबसाइट पर भी उपलब्ध करा दिया गया है। मार्च तक सभी के संपत्ति का ब्यौरा किया जाएगा सार्वजनिक पदाधिकारियों एवं कर्मियों से प्राप्त चल-अचल संपत्ति एवं दायित्वों का ब्यौरा 31 मार्च 2022 तक वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक किया जाएगा। दरअसल, नीतीश सरकार ने हर साल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी पूरी संपत्ति का ब्योरा देने का निर्देश पहले ही दे रखा है। इस बार भी सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पत्र जारी किया गया है। विभाग की ओर से सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, सभी प्रमंडलीय आयुक्त और सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र में कहा गया है कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी अखिल भारतीय सेवा के सभी पदाधिकारियों, राज्य में प्रतिनियुक्ति के आधार पर सेवारत केंद्रीय सिविल सेवा अथवा अन्य किसी सेवा के पदाधिकारियों तथा राज्य सरकार के अधीन पदस्थापित और सेवारत समूह क, ख एवं ग के सभी पदाधिकारियों और कर्मियों एवं सभी उपक्रमों जैसे बोर्ड, निगम, सोसायटी, पार्षद, के पदाधिकारियों एवं कर्मियों से 31 दिसंबर की स्थिति के आधार पर चल एवं अचल संपत्ति तथा दायित्वों की विवरणी समर्पण 15 फरवरी तक अपेक्षित है। 15 फरवरी तक विवरणी समर्पित नहीं करने वाले पदाधिकारी और कर्मी के मासिक वेतन भुगतान पर रोक लगा दी जाएगी।

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