तीन वर्ष में मात्र एक लाख 56 हजार 242 लोगों को ही बन पाया कार्ड

संवाद सहयोगी, जमुई : आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जिले में फाइलों में सिमटकर दम तोड़ती नजर आ रही है। इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि इस योजना के तहत तीन वर्ष में पूरे जिले में मात्र आठ लाख 26 हजार 989 व्यक्तियों को लाभुक बनाया गया। आपको जानकर यह भी आश्चर्य होगा कि इसके विपरीत अभी तक इस योजना के तहत मात्र एक लाख 56 हजार 242 लोगों का कार्ड बन पाया। इससे तो यह साफ प्रतीत होता है कि यह योजना आज भी अपना इलाज बेहतर स्वास्थ्य संस्थान या अन्य किसी अस्पताल में करा पाने में अक्षम लोगों की पहुंच से बिल्कुल ही दूर है। योजना के तहत इतने कम लोगों का कार्ड बन पाना ही


स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाने के लिए पर्याप्त है। इसमें किसी को कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है। कौन बन सकते हैं इस योजना के तहत लाभुक
-------------------------------------------------------- इस योजना के तहत लाभुक बनने के लिए वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना सूची में नाम होना अनिवार्य है। शहरी या ग्रामीण क्षेत्र वैसे लोगों का कार्ड निर्गत किया जाता है, जो अपना इलाज किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में करा पाने में अक्षम हैं। इस योजना के तहत सहज वसुधा केंद्र या सूचीबद्ध अस्पताल में आनलाइन प्रक्रिया के तहत निशुल्क कार्ड बनाने के लिए आवेदन किया जाता है। आनलाइन कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले राशन कार्ड का संख्या डाला जाता है। उसके पश्चात आनलाइन ही उसके आवेदन की जांच करके उसमें आधार कार्ड नंबर डाला जाता है और उसे राज्य मुख्यालय को जांच के लिए भेज दिया जाता है। राज्य मुख्यालय से दो से तीन दिनों के भीतर उसके आवेदन की जांच करके उसका कार्ड आनलाइन ही शुरू कर दिया जाता है। सामाजिक आर्थिक जनगणना सूची में नाम दर्ज होने वाला व्यक्ति अगर इस योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल में इलाज कराने के लिए भर्ती हो जाता है तो उसे छह घंटे के भीतर इलाज हेतु कार्ड निर्गत करने की व्यवस्था है। योजना के तहत किसी भी अस्पताल में भर्ती होने पर कार्डधारक व्यक्ति का निशुल्क इलाज करने का प्रावधान है। इस योजना के तहत कार्डधारक का प्रतिवर्ष पांच लाख तक फ्री में इलाज का प्रावधान है। कोट ---------
इस योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों का कार्ड निर्गत करने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि वास्तविक लाभुक को केंद्र सरकार के द्वारा इस योजना के तहत उपलब्ध कराए जाने वाले प्रावधानों का सही तरीके से लाभ मिल सके।
डा.अजय भारती
सिविल सर्जन, जमुई

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