20 पहाड़ी नदियां पार कर इलाज कराना मजबूरी

बगहा । पश्चिम चंपारण के बगहा अनुमंडल स्थित रामनगर के वनबहुल इलाके में सरकारी अस्पताल के नाम पर बखरी बाजार और शेरहवा दोन के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी सुसज्जित भवन से शानदार उपस्थिति दर्ज करता है। लेकिन रोगियों को लंबे अंतराल से एक चिकित्सक का इंतजार है। वनवर्ती क्षेत्र दोन से प्रखंड स्थित रामनगर पीएचसी के मुख्य रास्ते पर वाल्मीकि व्याघ्र के जंगल के साथ तकरीबन 20 पहाड़ी नदियां बहती हैं। जहां एकतरफ इन नदियों पर पुल नहीं है। वही जंगल में वन्यजीवों की उपस्थिति भी डरावनी है। बरसात और रात में इस क्षेत्र में चलना मौत को दावत देना है। नतीजतन ऐसी विषम भौगोलिक संरचना में आवागमन में काफी मुश्किल है। उचित इलाज के अभाव में रोगियों को तमाम गंभीर रोग घेरे रहते हैं। इससे तमाम नीम हकीम का बोलबाला हो गया है। स्थानीय सुभाष महतो, देवंचल महतो ने बताया कि भूले भटके भी स्थानीय अस्पताल में डॉक्टर नहीं पहुंचते। अप्रशिक्षित स्टाफ या किसी वार्ड ब्वाय इसमें मौजूद रहते है। मौके का लाभ लेकर नीम हकीम इलाज करते हैं। इलाज के अभाव में या गलत इलाज से बहुत मरीज असमय काल के गाल में चले जाते हैं। जटिल रोगों का इन स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा की व्यवस्था नहीं। राजू कुमार ने बताया कि बखरी अस्पताल में बीते साल से एक भी डॉक्टर नहीं आए। इससे अस्पताल के अगल बगल व डुमरी, परसौनी, बगही सखुआनी आदि गांवों में नीम हकीम बिना अनुभव इलाज करते है। सेमरहनी दोन के तिलकधारी महतो ने बताया रामनगर की दूरी 15 कोस से अधिक है।


रामनगर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्र भूषण ने कहा कि शेरहवा दोन अस्पताल में एक ए ग्रेड पुरुष नर्स के माध्यम से ओपीडी चालू कराया गया है।

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