अब माननीय के इशारे पर होगी नल-जल योजना की निगरानी

मनोज कुमार, पूर्णिया। सरकार नल जल योजना के रख रखाव एवं निगरानी की जिम्मेदारी अब माननीयों को सौंप रही है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधिकारी अब सांसद, विधायक, विधान पार्षद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से फीडबैक लेकर काम करेंगे तथा निगरानी के लिए सुझाव लेंगे। इस संबंध में पीएचईडी के वरीय अधिकारियों ने सभी जिलों के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है। इस संबंध में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग पूर्णिया के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अधिकारियों के निर्देश बाद सभी इंजीनियर्स एवं कर्मियों को माननीयों से संपर्क में रहने का निर्देश दिया गया है। उनके सुझाव पर तुरंत अमल करने को कहा गया है। जहां भी समस्या होगी उसका निराकरण कराया जाएगा।

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90 फीसद घरों में पहुंच चुका है नल का जल
अधीक्षण अभियंता ने बताया कि मुख्यमंत्री सात योजना के तहत क्षेत्र में लगभग 90 फीसद घरों में नल का जल पहुंच चुका है। ऐसे में योजना ठीक से चले राज्य सरकार ने इसके लिए योजना के पार्ट 2 में निगरानी की व्यवस्था की है। इसके लिए क्षेत्रीय सांसद, एमएलए, एमएलसी आदि जनप्रतिनिधियों की मदद लेने का निर्णय लिया गया है। इसलिए पीएचइडी ने अपने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है वे सभी अपने क्षेत्र के माननीयों से नियमित संपर्क करें और उनसे योजना का फीडबैक लें। जहां भी योजना के संबंध में कुछ भी कमी मिले उसे तुरंत ठीक करें और इसकी सूचना उन्हें दें ताकि योजना ठीक से चले। साथ ही योजना के तहत क्षेत्र में कहां काम हो रहा है और कहां काम होना है, इसकी पूरी रिपोर्ट भी सांसद, विधायक, विधान पार्षद एवं जिला के जनप्रतिनिधियों को देने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है।
अवहेलना करने वाले संबंधित अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक हर घर नल का जल योजना का काम लगभग पूरा होने के बाद यह आवश्यक हो गया है कि योजनाओं को दैनिक रूप से क्रियाशील बनाए रखा जाए और ग्रामीणों को गुणवत्तापूर्ण शुद्ध जल उपलब्ध कराया जाए। इसलिए पदाधिकारियों को अपने स्तर से ग्रामीण क्षेत्रों में जन प्रतिनिधियों से संपर्क में रहने को कहा गया है। विभाग ने यह भी व्यवस्था की है कि क्षेत्र के किस सांसद, विधायक व विधान पार्षद ने क्या फीडबैक दिया और उनके फीडबैक पर क्या काम किया गया इसकी रिपोर्ट जिले के अधिकारी बनाकर प्रत्येक माह इसे विभाग को भेजेंगे। जो अधिकारी माननीय के बताए सुझाव पर अमल नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जल चौपाल से हो रहा है लाभ
जिले में नल जल योजना को सुचारू रूप से चलाने एवं पानी की बर्बादी रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जल चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि लगातार अलग-अलग प्रखंडों में इसका आयोजन कर लोगों को सामूहिक रूप से मिलकर स्थानीय स्तर पर जलापूर्ति योजनाओं के संबंध में जानकारी दी जा रही है। गुणवत्तापूर्ण जलापूर्ति योजना के बेहतर संचालन, रखरखाव के लिए इसमें चर्चा की जाती है जिससे लोग जागरूक हो रहे हैँ।

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