सड़कों पर उड़ती है यातायात नियमों की धज्जियां, होती है दुर्घटनाएं

जागरण संवाददाता, खगड़िया। सड़कों पर हर तरफ यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती है। जिस कारण रोज कहीं न कहीं कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है। जिसमें लोग असमय मौत व अपंगता के शिकार होते रहते हैं। हादसे पर रोक लगाने व यातायात नियमों के पालन की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जा सके हैं। लापरवाही में रफ्तार की कहर के साथ अप्रशिक्षित, नाबालिग का वाहन चलाना लगातार दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। तेज रफ्तार ढाती है कहर सड़कों पर अधिकांश दुर्घटना तेज रफ्तार के कारण घटती है। एनएच सहित अन्य सड़कों पर बाइक सवार हो या अन्य वाहन चालक मानक क्षमता से अधिक रफ्तार में चलाते हैं। खासकर आधुनिक तेज रफ्तार बाइक वाले तो फर्राटे के साथ तेज रफ्तार में आगे से निकल जाते हैं। जो सड़क पर सामने अचानक किसी वाहन या जीव जंतु के आने- जाने के कारण दुर्घटना के शिकार होते हैं। सड़क पर गलत ढंग से वाहन चलाना भी गंभीर मामला है। बीते दिनों महेशखूंट में तेज रफ्तार के कारण ही एक साथ तीन वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। जिसमें पसराहा के एक दारोगा और एक जमादार सहित तीन घायल हुए। आगे निकलने की होड़ में बेतरतीब ओवर टेकिग घातक


अधिकांश सड़कों पर वाहन चालकों में एक- दूसरे से आगे निकलने की होड़ सी लगी रहती है। जिसमें नियम की अनदेखी करते हुए वाहन चालक ओवरटेक कर आगे निकलने के प्रयास में रहते हैं और दुर्घटना होती है। खासकर बाइक व आटो चालक तो आगे निकलने की होड़ में ही रहते हैं। यह भी दुर्घटना का कारण बनता है। नाबालिग चालक भी बनते हैं दुर्घटना का कारण सड़कों पर काफी संख्या में नाबालिग वाहन चालक दिखते हैं। जो बेधड़क स्कूटी, बाइक आदि फर्राटे के साथ चलाते हैं। ये अप्रशिक्षित होने के साथ सड़क पर बिना अनुभव के तेज रफ्तार में वाहन चलाते दिखते हैं। आटो व चार चक्का वाहन पर भी नाबालिग चालक दिख जाते हैं। जिस पर कोई रोक-टोक नहीं है। अधिकांश आटो व ई- रिक्शा पर नाबालिग चालक होते हैं। इनकी अज्ञानता व अप्रशिक्षित होने के कारण खुद के साथ दूसरों के दुर्घटना का कारण बनते हैं। कोट परिवहन नियम और यातायात नियम लोगों की जान की सुरक्षा को लेकर ही बनाए गए हैं। जिसका पालन हर किसी को करना चाहिए। नियम के पालन को लेकर विभागीय स्तर पर लगातार जांच कर कार्रवाई होती है। प्रत्येक शनिवार को सीट बेल्ट, हेलमेट आदि को लेकर जांच कराई जाती है। इसके अलावा अन्य दिनों में अन्य बिदुओं पर भी जांच होती है। पर इसे लेकर चालकों को स्वयं जागरूक होना होगा। यह समझना होगा कि नियम की अनदेखी उनके जानमाल पर ही भारी पड़ सकती है। धीरेंद्र कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, खगड़िया।

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